पश्चिम बंगाल

कोरोना कुंभ न बन जाए गंगासागर मेला

Bhumika Sahu
9 Jan 2022 7:18 AM GMT
कोरोना कुंभ न बन जाए गंगासागर मेला
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West Bengal Gangagasar Mela: मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक गंगा नदी और सागर के संगम में डुबकी लगाते हैं और कपिल मुनि मंदिर में प्रार्थना करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पश्चिम बंगाल में कोरोना (West Bengal Corona Case) के बढ़ते संक्रमण के बीच गंगासागर (Gangasagar Mela) में हर साल मकर संक्रांति पर लगने वाले गंगा सागर मेला को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ती जा रही है. यह मेला 12 जनवरी से 16 जनवरी तक लगेगा. इस मेले में शामिल होने के लिए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का जत्था कोलकाता पहुंचने लगा है. उनके रहने के लिए कोलकाता के आउट्राम घाट में अस्थायी शिविर लगाया गया है. देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऐसा लग रहा था कि यह मेला रद्द हो जाएगा, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने शुक्रवार को इस मेले को आयोजित करने की अनुमति दे दी. हालांकि, कोर्ट ने शर्तें रखी हैं कि मेले के दौरान कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाए, हालांकि कोर्ट की अनुमति के बाबजूद इस मेले में होने वाली भीड़ को लेकर लोगों की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं.

बता दें कि मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक गंगा नदी और सागर के संगम में डुबकी लगाते हैं और कपिल मुनि मंदिर में प्रार्थना करते हैं. कोर्ट ने इस बात की चिंता जताई थी कि इतने सारे लोगों के डुबकी लगाने से कोरोना का वायरस मुंह और नाक के जरिए नदी के पानी में फैलेगा और इससे अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका है. हालांकि राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि खारे पानी से संक्रमण नहीं फैलता है.
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर रोक लगाया जाना जरूरी
एनएमओ के वेस्ट बंगाल राज्य अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह (Dr Prabhat Singh) ने कहा कि कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कोरोना प्राटोकॉल का पालन करना जरूरी है. ऐसी स्थिति में कहीं भी ज्यादा भीड़ एक जगह इकट्ठा होना खतरनाक है. चाहे वह बाजार हो या फिर गंगासागर मेला. गंगासागर मेला स्वाभाविक रूप से लोगों की भीड़ उमड़ेगी. ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण का बढ़ने का खतरा तो बना ही रहता है. कोरोना पर नियंत्रण लगाने के लिए यह जरूरी है कि कुछ जरूरी ऐतिहात बरते जाएं. बड़े समारोह के साथ-साथ सभा और जुलूस पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की जरूरत है.
एक साल के लिए बंद कर दिया जाए गंगासागर मेला-दिलीप घोष
दूसरी ओर, बीजेपी के अखिल भारतीय सह अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि संक्रमण को देखते हुए अगर गंगासागर मेले को एक साल बंद कर दिया जाता तो कुछ नहीं बिगड़ता. गंगासागर मेले के बारे में दिलीप घोष ने कहा, "मेले के आयोजन को लेकर एक्सपर्ट की राय लेनी चाहिए. एक साल के लिए मेला बंद रहा तो कुछ नहीं होगा लेकिन संक्रमण होगा तो भयानक होगा." दिलीप घोष ने मेले में बरती जा रही सख्ती पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि प्रशासन लापरवाही बरत रहा है.बता दें कि पिछले साल 14 जनवरी से 27 अप्रैल तक चले महाकुंभ मेले में करीब 90 लाख श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई थी. तब देश में दूसरी लहर शुरू हो रही थी. मेले में शाही स्नान के समय 10 से 15 अप्रैल के बीच 1200 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. ऐसे में गंगा सागर में भी कोरोना ब्लास्ट होने का खतरा है.


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