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तेल कीमतों पर सीएम ममता ने केंद्र सरकार पर लगाए ये आरोप
कोलकाता: केंद्र द्वारा तेल की कीमतों में कटौती को लेकर सियासत भी शुरू हो चुकी है. विपक्षी दलों ने तमाम दलीलों के साथ केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है. इस मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल 2.80 रुपये की रियायत दे रहा है, लेकिन वे (केंद्र सरकार) कुछ और दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. ममता ने कहा कि केंद्र ने उपकर (Cess) कम नहीं किया है. वे उपकार (Cess) ले रहे हैं. जब केंद्र कर कम करता है तो इसका एक हिस्सा राज्य का हिस्सा होता है. इसलिए हमें कुल 641.45 करोड़ का राजस्व घाटा हो रहा है. एक तरफ हमारे पास पैसा नहीं है, दूसरी तरफ हम अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी कर रहे हैं.
ममता ने कहा कि साथ ही हम पहले से ही 1 रुपये की छूट देते हैं. जो लगभग 500 करोड़ रुपये है. जिसका मतलब है कि हमें 1141 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. यह सरल गणना केंद्र की मोदी सरकार आप सभी के साथ शेयर नहीं करेगी.
बंगाल सीएम ने कहा कि मोदी सरकार बनने से पहले ईंधन की कीमतें बढ़ गई थीं और जब मोदी सरकार बनी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में कमी आई. इसलिए जब उन्हें कीमतें कम करने की जरूरत पड़ी तो उन्होंने इसे कम नहीं किया. तानाशाही चल रही है. हिटलर और मुसोलिनी युग के दौरान इतना निम्न स्तर का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ था. मैं अपने देश से प्यार करती हूं. राज्य सरकार को स्वायत्तता दी जानी चाहिए ताकि वे स्वतंत्र रूप से चल सकें. इसके साथ एजेंसियों को भी स्वायत्तता दी जाए.
जस्टिस आशिम रॉय राज्य में लोकायुक्त बने रहेंगे
इसी बीच सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को एक कैबिनेट मीटिंग के बात हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जस्टिस आशिम रॉय राज्य में लोकायुक्त बने रहेंगे. इसके अलावा ममता सरकार ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की है. वहीं न्यायमूर्ति मधुमिता मोइत्रा आयोग की सदस्य होंगी. साथ ही राज्य सरकार ने सूचना आयुक्त पद के लिए बंगाल के पूर्व डीजी वीरेंद्र और आईएएस नवीन प्रकाश के नामों की सिफारिश की है.
अर्जुन सिंह ने बीजेपी छोड़ TMC का दामन थामा
वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की बैरकपुर लोकसभा सीट से सांसद और ममता बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सबसे मुखर चेहरा रहे अर्जुन सिंह ने आखिरकार घर वापसी कर ली है. अर्जुन सिंह ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है. अर्जुन सिंह अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. अर्जुन सिंह के बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के सियासी मायने क्या हैं, अब इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है.