पश्चिम बंगाल

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी हुई शामिल, मिला 'बांग्ला अकादमी पुरस्कार'

jantaserishta.com
9 May 2022 4:17 PM GMT
रवींद्रनाथ टैगोर जयंती कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी हुई शामिल, मिला बांग्ला अकादमी पुरस्कार
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सोमवार को रवींद्र जयंती (Tagore Jayanti) के अवसर पर उनकी अनवरत कविता रचना के लिए बांग्ला अकादमी पुरस्कार (Bangla Academy Award) मिला. पश्चिम बंगाल बांग्ला अकादमी द्वारा नामांकित पुरस्कार इस वर्ष से शुरू किया गया है. प्रथम वर्ष में मुख्यमंत्री (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) को उनकी कविता संग्रह 'कविता बितान' के लिए बंगाली लेखकों के परामर्श से यह पुरस्कार दिया गया. हालांकि सीएम ममता बनर्जी रवींद्र सदन में आयोजित कार्यक्रम में खुद उपस्थित थीं, लेकिन उनकी जगह मंत्री ब्रात्य बसु ने यह पुरस्कार ग्रहण किया, हालांकि बीजेपी नेता अनुपम हाजरा ने मुख्यमंत्री को बांग्ला अकादमी पुरस्कार देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर के बाद अब सीएम ही दूसरा नोबल पुरस्कार पाने की आशा जगा रही हैं.

बता दें कि सोमवार को रवींद्र सदन में रवींद्र जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर सीएम ममता बनर्जी ने रवींद्रनाथ टैगार का नोबल पदक चोरी होने के मामले पर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि केंद्र सरकार ने चोरी हुआ नोबल पदक नहीं खोज पाई है.
सोमवार को राज्य के सूचना एवं संस्कृति विभाग ने कवि की स्मृति में 'कवि साष्टांग प्रणाम' कार्यक्रम का आयोजन किया था. मंच से शिक्षा मंत्री और बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष ब्रात्य बसु ने कहा, "बांग्ला अकादमी ने उन लोगों को पुरस्कृत करने का फैसला किया है जो साहित्य की बेहतरी के साथ-साथ समाज के अन्य क्षेत्रों के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं." प्रथम वर्ष में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल की सर्वश्रेष्ठ लेखिका पर उनकी राय के लिए यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है. यह पुरस्कार उनकी कविताओं की पुस्तक 'कविता बितान' को ध्यान में रखते हुए सामान्य रूप से उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री राज्य सरकार द्वारा आयोजित 'कवि प्रणाम' समारोह में उपस्थित थीं, लेकिन उन्होंने खुद इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं किया. मुख्यमंत्री को पुरस्कार देने की घोषणा करते करने के बाद सीएम ने सूचना और संस्कृति के राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने बीच में ही रोक दिया. उन्होंने ब्रात्य बसु से कहा कि वह मुख्यमंत्री की ओर से पुरस्कार स्वीकार करेंगे. उसके बाद इंद्रनील सेन ने खुद ब्रात्य बसु को अवॉर्ड सौंपा.
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