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भाजपा ने बंगाल हिंसा की तुलना रूस-यूक्रेन जंग से की
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई से पंचायत चुनाव होने हैं, मगर इससे पहले ही राजनीतिक दलों के बीच खासकर टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव गहराता नजर आने लगा है. बांकुरा में टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प का मामला सामने आया है. ऐसे में भाजपा की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने पश्चिम बंगाल में मौजूदा स्थिति की तुलना रूस-युक्रेन जंग से कर डाली है. उन्होंनें कहा कि अगर यहां केंद्र सरकार सेना नहीं भेजती है तो राज्य में खून की नदियां बहेंगी. उन्होंनें कहा कि जिस तरह से भाजपा के कार्यकर्ताओं पर बम फेंके जा रहे हैं, उससे लगता है कि हम चुनाव नहीं बल्कि युद्ध लड़ रहे हैं. यही नहीं, उन्होंनें राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी इस्तीफा देने की मांग की.
पंचायत चुनाव की शांति के लिए केंद्र से बल का आना ज़रूरी: मामला पंचायत चुनाव के दौरान नामांकन दाखिल करने के दौरान हुई कथित हिंसाओं से जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि बीजेपी वर्कर्स के साथ मारपीट की जा रही है और बगैर राजनीतिक दलों के साथ चर्चा किए हुए पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी गई. इतना ही नहीं, अन्य दलों का कहना है कि उन्हें नामांकन तक नहीं भरने दिया जा रहा है. भाजपा की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि या तो राज्य की पुलिस बनर्जी के नियंत्रण में नहीं है या उनकी कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है. उन्होंनें केंद्रीय चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि राज्य में ठीक से चुनाव हों, इसके लिए केंद्रीय बल भेजें. राज्य में लोगों का लोकतंत्र पर से विश्वास उठता जा रहा है.
जिस प्रत्याशी के जीतने की उम्मीद, उसका नामांकन नहीं हो रहा दाखिल: इसी दौरान इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता और भांगड़ के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने भी विपक्ष के नेताओं को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 9 मई से हिंसा लगातार बढ़ रही है और जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है, इसमें इज़ाफा देखने को मिल रहा है. यही नहीं, पूरे पश्चिम बंगाल में नामांकन दाखिल करने में विपक्ष को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर उन प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने में ज्यादा परेशानी हो रही है, जिनके जीतने की उम्मीद है.
सभी मतदान केंद्रो पर सीसीटीवी लगाने के निर्देश: बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने निष्पक्ष पंचायत चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश दिए थे. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिया है. मिदनापुर, जलपाइगुड़ी, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हुगली और मुर्शिदाबाद को संवेदनशील जिलों के तौर पर चिह्नित किया गया है. हालांकि हाईकोर्ट ने भाजपा के शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 8 जुलाई को होने वाले चुनावो के लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि को बढ़ाने की मांग पर विचार से इनकार कर दिया था.
पंचायत चुनाव राज्य में 2024 का लिटमस टेस्ट: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को एक ही चरण में पंचायत चुनाव होने हैं, जिसका परिणाम 11 जुलाई को आएगा. पंचायत चुनाव में भाजपा और सत्तारूण तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद है और इसे 2024 में होने वाले राज्य चुनाव के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है.