पश्चिम बंगाल

18 नई समितियों का एलान, तृणमूल से आने वाले नेताओं को भी जगह

Shiddhant Shriwas
18 Jun 2022 2:08 PM GMT
18 नई समितियों का एलान, तृणमूल से आने वाले नेताओं को भी जगह
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बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव में उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं होने के बाद से आपसी अंतर्कलह से जूझ रही प्रदेश भाजपा इकाई ने अब एक बार फिर सांगठनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पार्टी की 18 नई समितियों (प्रकोष्ठ) का पुनर्गठन करते हुए इसके नए सयोजकों और 103 संयुक्त संयोजकों के नामों का एलान किया है। इन समितियों से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के समय के अधिकतर पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है और नए व युवा चेहरों को जिम्मेदारी दी गई है।

विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले कुछ प्रमुख चेहरे को भी नई समिति में जगह दी गई है। इनमें दो प्रमुख नाम रुद्रनील घोष और वैशाली डालमिया का हैं। अभिनेता रुद्रनील घोष को सांस्कृतिक शाखा के संयोजक की जबकि बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया व्यापार शाखा के संयोजक की जिम्मेदारी दी गई हैं। विधानसभा चुनाव में दोनों को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मजूमदार ने इस साल जनवरी में दिलीप घोष के समय की पार्टी की सभी समितियों (शाखा प्रकोष्ठ) को भंग कर दिया था। काफी अंतराल के बाद उन्होंने नई समितियां गठित की है। इधर, विभिन्न प्रकोष्ठों में भारी फेरबदल के बाद प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ फिर आवाज उठने लगी है। प्रदेश भाजपा के एक नाराज नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया- पार्टी के संविधान के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभालने के एक माह के भीतर ही प्रकोष्ठों का गठन किया जाना चाहिए था लेकिन इसमें करीब एक साल का समय लग गया।

गौरतलब है कि इससे पहले मजूमदार ने जब नई राज्य व जिला समिति के गठन की घोषणा की थी, उस समय भी पार्टी के भीतर काफी नाराजगी देखी गई थी। नई कमेटी में जगह नहीं मिलने से कई नेताओं व विधायकों ने पार्टी का वाट्सएप गु्रप तक छोड़ दिया था। इधर, नई समितियों के पुनर्गठन के साथ पार्टी ने सांगठनिक मजबूती पर जोर दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बूथ सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत प्रदेश नेतृत्व ने बूथों को मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं, विधायकों व सांसदों से सक्रिय होने और अपने इलाकों पर फोकस करने का निर्देश दिया है।

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