पश्चिम बंगाल

CCTV खरीद के केंद्रीय फंड में घोटाले का आरोप, ममता सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में PIL दायर

Deepa Sahu
15 Dec 2021 4:51 PM GMT
CCTV खरीद के केंद्रीय फंड में घोटाले का आरोप, ममता सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में PIL दायर
x
बंगाल की ममता सरकार पर सीसीटीवी खरीदने के लिए केंद्र से मिले रुपये का घोटाला करने का आऱपो लगाते हुए.

कोलकाताः बंगाल की ममता सरकार पर सीसीटीवी खरीदने के लिए केंद्र से मिले रुपये का घोटाला करने का आऱपो लगाते हुए. कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। वर्ष 2012 में राजधानी दिल्ली में निर्भया कांड के बाद पूरे देश के प्रमुख शहरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये आवंटित किए थे। आरोप है कि राज्य सरकार ने उस धनराशि से सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल नहीं किया है। सायोनी सेनगुप्ता नाम की एक अधिवक्ता ने बुधवार को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

उन्होंने कहा है कि निर्भया कांड से सबक लेते हुए देश के सभी महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना केंद्र सरकार ने लागू की थी। इसके लिए कुल 181 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसमें से 56 करोड़ बंगाल सरकार को केंद्र से मिला था। आरोप है कि 2019 में आवंटित हुई धनराशि का इस्तेमाल आज तक नहीं हुआ है, जबकि इसका कोई हिसाब भी राज्य ने केंद्र को नहीं दिया है।
टेंडर में गड़बड़ी फिर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
सायोनी के मुताबिक सबसे पहले कोलकाता पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिम्मेवारी दी गई थी लेकिन जब शहर की पुलिस इसमें व्यर्थ रही तो राज्य सरकार ने साफ्टवेयर कंपनी वेवेल को कैमरे इंस्टाल करने की जिम्मेवारी दी। उस समय पता चला कि वेबेल को कैमरा इंस्टाल करने का ठेका देने में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था जिसकी वजह से यह काम रुक गया था। टेंडर में भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।आरोप है कि कैमरा इंस्टाल करने का सारा टेंडर केवल दो कंपनियों को दिया गया था। इसी संबंध में उचित जांच और केंद्र की ओर से आवंटित धनराशि के बारे में पता लगाने के लिए हाई कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई है। बुधवार को कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। जल्द ही इस पर सुनवाई होगी। वादी के वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने कहा कि अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण काम नहीं हुआ। नतीजतन, बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा बाधित हो रही है। इस दृष्टि से यह जनहित याचिका है।
Next Story