उत्तराखंड

बिजली ठप होने पर महिलाओं ने बिजली घर में दिया धरना

Admin Delhi 1
29 May 2023 12:27 PM GMT
बिजली ठप होने पर महिलाओं ने बिजली घर में दिया धरना
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हरिद्वार न्यूज़: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं विभिन्न कॉलोनियों में बिजली सप्लाई ठप होने के कारण जगजीतपुर बिजली घर पहुंच कर धरने पर बैठ गई. धरने देने से पहले नाराज महिलाओं ने हरिद्वार-लक्सर रोड पर कुछ देर जाम भी लगाया. महिलाओं का आरोप है कि ग्रामीण क्षेत्र की करीब 12 से ज्यादा कॉलोनियों में पिछले तीन दिनों से बिजली की आपूर्ति बाधित है. इस वजह से गर्मी में करीब 30 हजार की आबादी को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऊर्जा निगम द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

क्षेत्र के लोगों ने बिजली सप्लाई न होने से नाराज होकर जगजीतपुर बिजली घर का घेराव किया था. मौके पर लोगों ने हंगामा करते हुए बिजली घर को बंद कर दिया था. बिजली घर पर पुलिस पहुंचने के बाद बिजली सप्लाई सुचारू की गई थी. साथ ही आश्वासन पर लोग माने थे. वहीं मोहन एनक्लेव, राधिका एनक्लेव, वाईपीएस कॉलोनी सहित करीब 12 से ज्यादा कॉलोनियों की महिलाओं ने बिजली घर पहुंच कर धरना दिया. स्थानीय महिला योगिता, अंजलि, बबिता का कहना है की पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में बिजली की सप्लाई नहीं हो रही है. इस कारण गृहणियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिजली न आने के कारण रात अंधेरे में गुजारनी पड़ती है. छोटे बच्चों के साथ परेशानी और बढ़ जाती है. सुनवाई न होने के बाद महिलाओं को धरने पर बैठना पड़ा है. हमारी मांग है कि सभी कॉलोनियों में बिजली की सप्लाई सुचारू की जाए.

वही ऊर्जा निगम के जगजीतपुर एसडीओ रूपेश कुमार ने बताया कि जल संस्थान विभाग क्षेत्र में नई पाइप लाइन डालने का कार्य कर रहा है. कार्य के दौरान 33000 किलोवाट की अंडर ग्राउंड लाइन जेसीबी से क्षतिग्रस्त हो गई थी. इस कारण कई कॉलोनियों में बिजली की सप्लाई बाधित ही गई थी. जल संस्थान के खर्चे से लाइन का फॉल्ट सही कराया जा रहा है. वही आंधी के कारण क्षेत्र के करीब 10 पोल टूट गए है. स्थिति सामान्य होने में समय लगता है. लोगों को समझना चाहिए. हालांकि अन्य विकल्प का उपयोग कर दो-दो घंटे के अंतराल पर हर फीडर को बिजली की सप्लाई की जा रही है. भी बड़ी संख्या में लोगों ने बिजली घर पहुंच कर सप्लाई बंद कर दी थी. मौके पर पुलिस को बुलाया गया था. ऊर्जा निगम के कर्मचारी कार्यों में लगे है.

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