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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर किमाणाधार के समीप पहाड़ी से चट्टान का हिस्सा टूटने से एक बुजुर्ग महिला बोल्डर व मलबे के नीचे दब गई
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर किमाणाधार के समीप पहाड़ी से चट्टान का हिस्सा टूटने से एक बुजुर्ग महिला बोल्डर व मलबे के नीचे दब गई। राजस्व विभाग और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को मलबे से निकाला और पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेज दिया है।
बुधवार को तहसील मुख्यालय से तीन किमी दूर डुंगर गांव की निवासी 75 वर्षीय मंगली देवी पत्नी मुसद्दी लाल पैदल ऊखीमठ बाजार आ रही थीं। सुबह करीब 10:30 बजे वह किमाणा के समीप पहुंची थी कि अचानक पहाड़ी से भरभराकर चट्टान महिला के ऊपर गिर गया और वह दब गई। सूचना पर तहसीलदार दीवान सिंह राणा, थानाध्यक्ष राजीव चौहान, उप राजस्व निरीक्षक सतीश भट्ट मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से पत्थर व मलबे से महिला को निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद मौके पर ही पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
तहसीलदार दीवान सिंह राणा ने बताया कि घटना से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। उधर, क्षेत्रीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने बताया कि 84 किमी लंबा कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर जैयवीरी, डुंगर, पापड़ी, ताला, किमाणा, कंथा, रौडृ, दिलमी घाटी, मस्तूरा और ताला के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने व भूधंसाव से खतरा बना हुआ है। कुछ वर्ष पूर्व रौडू में भी पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी। बावजूद इसके एनएच द्वारा राजमार्ग पर अति संवेदनशील स्थानों का सुधारीकरण नहीं किया जा रहा है।
Rani Sahu
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