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देहरादून। उत्तराखंड (Uttarakhand) की पांचवीं विधानसभा (विस) का शीतकालीन सत्र मंगलवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे वन्दे मातरम के साथ शुरू हुआ, लेकिन विपक्ष ने राज्य (State) की बदहाल कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के विधायक तिलकराज बेहड़ सदन की सीढ़ियों पर अपने क्षेत्र में लाचार कानून व्यवस्था के खिलाफ सांकेतिक धरने पर बैठ गए। जबकि एक अन्य कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी ने गैरसैंण में सत्र करवाने, अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) की सीबीआई (CBI) जांच और सड़कों की बदहाली के खिलाफ नारेबाजी की।
सत्र शुरू होते ही विपक्षी कांग्रेस ने राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। जिसे विधानसभा अध्यक्ष (पीठ) ने नियम 58 के अंतर्गत स्वीकार किया। इसके बाद, शांतिपूर्ण तरीके से प्रश्न काल संचालित हुआ। सत्र शुरू होने से पहले सदन की सीढ़ियों पर धरना देकर बैठे किच्छा के विधायक श्री बेहड़ ने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडागर्दी से लोगों में खौफजदा हैं। किसानों का शोषण हो रहा है। सरकार को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए। जबकि प्रताप नगर के विधायक श्री नेगी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत चिंताजनक है। महिलाओ के प्रति अपराधों में काफी वृद्धि हुई है। महिलाओ के प्रति अपराध हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हुई है। क्षेत्र में अराजकता भय का माहौल है।
उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैंण में सत्र करवाने से कतरा रही है। सड़कों की हालत काफी खराब है। देवीय आपदा में क्षति ग्रस्त सड़कों की अभी तक मरम्मत नहीं की गई जिससे लोग चोटिल हो रहे है। विकास का पहिया पूरी तरह थम सा गया है।
Source : Uni India
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
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