हमीरपुर। पिछले 24 दिनों की मानसून की इस सीजन में प्राकृतिक आपदाओं से 122 लोगों की मौत, 12 के लगभग लापता हैं और 140 लोग घायल हुए हैं। 40 अरब रुपए से ऊपर आर्थिक नुकसान प्रदेश को उठाना पड़ा है और यह आंकड़ा आगे बढ़ भी सकता है। ऐसे में जिला हमीरपुर के युवा समाजसेवी व मिशन लावारिश के नाम से मशहूर शांतनु कुमार हिमाचल के प्राकृतिक आपदाओं से मरने वाले लोगों, जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हुई, उन शवों को जलाए जाने के बाद उन दिवंगत की अस्थियां इकट्ठा कर हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित करेंगे।
शांतुने का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से तेज बारिश के चलते पौंग डैम से 5 पुरुषों की डेड बॉडियां कांगड़ा के हरिपुर में पुलिस को मिली हैं, इन सभी की उम्र 35-40 और 45 वर्ष के बची है, जिनमें से 2 की शिनाख्त हो चुकी है। एक लंबा गांव तथा दूसरा कांगड़ा के गग्गल से है। बाकी तीनों की शिनाख्त नहीं हुई थी। तीनों शव शिनाख्त के लिए देहरा स्थित शव गृह में 72 घंटों के लिए रखे गए थे।
शिनाख्त ना होने पर टांडा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद देहरा श्मशान घाट में इन्हें जलाया गया है। शांतनु कुमार ने बताया कि वे देहरा श्मशान घाट से तीनों लावारिश दिवंगत की अस्थियां इकट्ठा करके हमीरपुर में ले आया है। जिनका विधिवत हिंदू शास्त्र के अनुसार हरिद्वार में विसर्जन किया जाएगा। वे अब तक 3,017 लावारिस दिवंगत की अस्थियां को हरिद्वार में अपने खर्च पर विसर्जन कर चुके हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि आपके आस-पास कोई भी लावारिस शव की सूचना मिलती है, तो वे इसकी सूचना उनके मोबाइल नंबर 94180-96502 पर दे सकते हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा लावारिश दिवंगत आत्माओं को गति मिल सके। इतना ही नहीं साल में एक बार पितृपक्ष अमावस के दिन वह इन सभी दिवंगत की श्राद्ध भी करते हैं।