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हल्द्वानी | उसे पति का साथ नहीं पसंद था और पति से छुटकारा पाने के लिए महिला ने अपने ही पति को दुष्कर्मी, अपहर्ता बताकर उसे पॉक्सो के मुकदमे में फंसा दिया। करीब पांच साल चले मुकदमे के बाद पति को न्याय मिला और स्पेशल जज पॉक्सो की नंदन सिंह की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी कर दिया।
आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रविंद्र बिष्ट व राजन मेहरा ने बताया कि हथैनी चिकसाना भरतपुर राजस्थान निवासी रविंद्र कुमार पुत्र स्व.प्रताप सिंह पर उसी की पत्नी ने वर्ष 2019 में धारा 363, 366, 376, 347, 323, 504, 506, 3/4 पॉक्सो के तहत लालकुआं कोतवाली में मुकदमा लिखाया। खुद को पत्नी होना छिपा कर महिला ने 13 साल की उम्र में रविंद्र नौकरी पर उसे बरेली ले जाने के बहाने राजस्थान ले गया।
जहां उसे बंधक बनाया और दुष्कर्म किया। करीब 7 साल बाद वह भाग कर लालकुआं पहुंची, लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा हुआ, लेकिन पीड़िता आरोप सिद्ध नहीं कर सकी। उल्टा यह साबित हो गया कि पीड़िता आरोपी की पत्नी है। रविंद्र ये कोर्ट को यह भी बताया कि उसकी पत्नी के किसी और से संबंध है और वह शादी कर चुकी है। न्यायालय से संदेह का लाभ देते हुए रविंद्र को बरी कर दिया।
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Harrison
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