उत्तराखंड

कौन है निर्मला गहतोड़ी? जाे लड़ रहीं हैं CM पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव

Gulabi Jagat
7 May 2022 8:47 AM GMT
कौन है निर्मला गहतोड़ी? जाे लड़ रहीं हैं CM पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव
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CM पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव
चम्पावत विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस नेता पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल की ओर से टिकट की दावेदारी न करने से निर्मला गहतोड़ी के टिकट की राह आसान हो गई। उपचुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छा और इस ओर सक्रियता कम रहने के कारण खर्कवाल के चुनाव नहीं लड़ने पर पहले ही अटकलें लगाई जा रही थीं।
कांग्रेस का टिकट घोषित होने के साथ शुक्रवार को इन अटकलों पर विराम लग गया। उपचुनाव में कांग्रेस का टिकट निर्मला गहतोड़ी को मिलने के बाद पूर्व विधायक खर्कवाल के भावी राजनीतिक कॅरिअर को लेकर भी च
चम्पावत विधानसभा सीट पर उपचुनाव
र्चाओं का बाजार गर्म है। हेमेश को राजनीति में करीब 28 वर्षों का लंबा अनुभव है। वर्ष 2002 से लेकर 2022 तक लगातार पांच बार वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट लेने में कामयाब रहे।
राज्य बनने के बाद पहली बार 2002 में हुए चुनाव में वह जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2007 में भाजपा की बीना महराना ने उन्हें शिकस्त दी। साल 2012 में वह एक बार फिर विधानसभा चुनाव जीते। 2017 में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने उन्हें 17 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
इस बार के विस चुनाव में भी भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने खर्कवाल को 5300 मतों से पराजित कर लगातार दूसरी जीत हासिल की थी। कांग्रेस का टिकट निर्मला गहतोड़ी के हिस्से में आने के बाद चम्पावत सीट से खर्कवाल के राजनीतिक भविष्य को लेकर तमाम चर्चाएं हवा में तैर रही हैं।
निर्मला ने शराब विरोधी आंदोलन से राजनीति में दी थी दस्तक
चंपावत उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी बनाई गईं निर्मला गहतोड़ी राजनीति में पहले से ही सक्रिय रही हैं। पहली बार चम्पावत जिले के खेतीखान में शराब विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया था। जिसके बाद उनका राजनीतिक कारवां आगे बढ़ता चला गया। बकौल निर्मला, साल 1992 में पहली बार खेतीखान में हुए शराब विरोधी आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
उन्होंने बताया कि उनके राजनीतिक जीवन में इस आंदोलन का वह दौर बेहद अहम है। इस आंदोलन में उनके साथ पिथौरागढ़ के युवा समाजसेवी निर्मल पंडित भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि निर्मल पंडित के नेतृत्व में ही आज से 30 साल पहले शराब के खिलाफ 118 दिनों का लंबा आंदोलन चला था।
इसके बाद वह अपने गांव गरसाड़ी की ग्राम प्रधान बनीं। तब से लेकर आज तक निर्मला जनता से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों को उठाती रही हैं। उन्हें कांग्रेस की सक्रिय और कर्मठ कार्यकर्ता होने का सम्मान मिलता आया है। पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करने का नतीजा उन्हें शुक्रवार को कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित होने के साथ मिल गया।
चम्पावत की जनता भी देगी जवाब : निर्मला
निर्मला गहतोड़ी कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद शुक्रवार को मीडिया से रूबरू हुईं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से खटीमा की जनता से हालिया विधानसभा चुनाव में भारी मतों से सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराया था, अगर चम्पावत की जागरूक जनता का साथ मिला तो कांग्रेस चम्पावत में भी इसे दोहराएगी। निर्मला ने कहा कि भाजपा सरकार में युवा रोजगार को तरस रहे हैं। महंगाई आसमान छू रही है। ईंधन के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में आम जनता के लिए जीवन जीना किसी परेशानी से कम नहीं है।
पार्टी ने सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उपचुनाव में निर्मला गहतोड़ी को पार्टी प्रत्याशी बनाया है। निर्मला दीदी हर नजरिए से योग्य उम्मीदवार हैं। पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए सभी कांग्रेस कार्यकर्ता जी जान से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
हेमेश खर्कवाल, पूर्व विधायक, चम्पावत
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