उत्तराखंड
उत्तराखंड चुनाव में किन उम्मीदवारों को लगाएगी कांग्रेस, जानें प्लान?
Deepa Sahu
25 Nov 2021 11:05 AM GMT
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उत्तराखंड चुनाव की दौड़ में कांग्रेस अपने ‘बूढ़े घोड़े’ दौड़ाने से परहेज़ करने के मूड में नहीं है.
देहरादून. उत्तराखंड चुनाव की दौड़ में कांग्रेस अपने 'बूढ़े घोड़े' दौड़ाने से परहेज़ करने के मूड में नहीं है. बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे इस विधानसभा चुनाव के लिए किन उम्मीदवारों को मैदान में उतारना है, इस बारे में बुधवार को कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने विचार विमर्श किया. पार्टी में अंदरूनी पैठ रखने वालों की मानें तो पार्टी के 10 सिटिंग विधायकों को टिकट मिलना तय है. इन आज़माए जा चुके चेहरों के अलावा, कांग्रेस पार्टी अपने वरिष्ठ यानी तजुर्बेकार चेहरों पर दांव खेलने के मूड में है, भले ही पिछले चुनाव में वरिष्ठों को हार का स्वाद चखना पड़ा हो.
उत्तराखंड में 2017 के चुनाव के दौरान मोदी लहर के चलते कई दिग्गजों और अनुभवी नेताओं को हार झेलनी पड़ी थी. तब 70 विधानसभाओं वाले राज्य में कांग्रेस को केवल 10 सीटें मिली थीं, जबकि 57 पर बीजेपी ने जीतकर प्रचंड बहुमत पाया था. अब आगामी 2022 चुनाव के लिहाज़ से टिकट देने की कवायद पर कांग्रेस के भीतर क्या चल रहा है, इससे जुड़े एक अहम नेता का कहना है कि पिछली बार चुनाव में कई विजेता नेता अपनी सीटों से हारे थे. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तो दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों गंवाई थीं.इस बार हवा बदली हुई है!
अब क्या इन हारे हुए अनुभवियों पर कांग्रेस फिर दांव लगाएगी? इस बारे में उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसे कई अनुभवी नेता हैं, जो पिछली बार बहुत कम अंतर से हारे थे. इस बार उनके चुनाव जीतने के मौके बहुत हैं. स्क्रीनिंग कमेटी को ऐसे नामों पर कोई ऐतराज़ नहीं है.' स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने बताया कि बुधवार को जो बैठक हुई, उसमें कई अनुभवी कांग्रेसी नेता शामिल थे.
क्या है कांग्रेस का गेम प्लान?
कांग्रेस का अंदरूनी आंकलन साफ संकेत दे रहा है कि पार्टी पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़त की स्थिति में है. इन सीटों पर कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को मौका देने के मूड में है. मिसाल के तौर पर पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, गंगोत्री, देवप्रयाग और टिहरी जैसी सीटों पर कांग्रेस पहले विधायक रह चुके चेहरों को टिकट दे सकती है. पांडे का कहना है कि किसी भी उम्मीदवार के चयन से पहले कई पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा.
पांडे ने कहा, 'हम युवाओं और महिलाओं के नेतृत्व को भी ध्यान में रखेंगे. हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की पार्टी की योजना है.' दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ स्क्रीनिंग कमेटी सभी वर्गों को तवज्जो देने की बात कर रही है तो नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्य यह चेतावनी दे चुकी हैं कि वह पार्टी की प्रमुख महिला नेता रही हैं और उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया तो वह और भी विकल्प देख सकती हैं.
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