हरिद्वार जिले में 650 करोड़ रुपये से होगा जलभराव का समाधान
हरिद्वार न्यूज़: हरिद्वार में जल जलभराव की समस्या के समाधान के लिए करीब 650 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड सिंचाई विभाग को नोडल बनाया गया है. हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और बहादराबाद क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम सही करने के लिए कार्य किया जाएगा. जल्द डीपीआर तैयार कर ली जाएगी. दो माह के भीतर ड्रेनेज प्लान का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है. वहीं, मेयर अनिता शर्मा के अनुसार जलभराव से निजात के लिए नालों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है.
विरुद्ध’इसके बाद ड्रेनेज सिस्टम को कारगर बनाने के लिए योजना बनाई जा रही है. योजना के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को जल्द भेजने के बात सिंचाई विभाग के अधिकारी कर रहे है.
विभिन्न अंडर पास और डाउन क्षेत्रों को भी योजना से जोड़ा जाएगा. इन क्षेत्रों को जल जमाव से निजात दिलाने के लिए अधिकारी प्लानिंग कर रहे है.
भगत सिंह चौक और रानीपुर मोड़ के लिए भी प्लानभगत सिंह चौक और रानीपुर मोड़ पर जलभराव के समाधान के लिए भी योजना बनाई जा रही है. यहां भी ड्रेनेज सिस्टम बनने के बाद लोगों को जलभराव से निजात मिलेगी.
दो दिन में होगी स्टेक होल्डर्स की बैठक
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्टेक होल्डर्स की बैठक कर सुझावों को डीपीआर में जोड़ा जाएगा. पेयजल निगम, जल संस्थान, पीडब्ल्यूडी, एचआरडीए, नगर निगम और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर जलभराव से निजात के लिए सुझाव लिए जाएंगे.
बरसात का पानी गंगा में नहीं गिरेगा
एनजीटी के निर्देशों के अनुसार डीपीआर तैयार की जा रही है. वर्तमान में जो बरसात का पानी गंगा में जाता है, उसे बंद किया जाएगा. अंडर ग्राउंड पाइप लाइन से बरसात का पानी जगजीतपुर और सराय ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाएगा. ट्रीटमेंट के बाद ही यह पानी गंगा में डाल जाएगा.
सर्वेयर और कंसलटेंट करेंगे कार्य
ड्रेनेज सिस्टम को कारगर बनाने के लिए सर्वेयर और कंसलटेंट योजना पर कार्य करेंगे. सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार सर्वेयर और कंसलटेंट से भी कार्य कराएं जाएंगे, ताकि लोगों को सौ फीसदी जलजलभराव की समस्या से निजात मिल सकें.
बरसाती नालों को टैप करने की योजना
हरिद्वार में बरसाती नालों को सौ फीसदी टैेप किया जाएगा, ताकि कूड़ा-कचरा आदि नालों में जमा न हो सके. कूड़े कचरे के कारण अधिकांश नाले चोक हो जाते हैं. टैेप होने के बाद नालों के चोक होने की समस्या का समाधान होगा.
जलभराव की समस्या के समाधान को नालों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है. कई स्थानों पर नालों की सफाई हो चुकी है. बाकी नालों की सफाई भी कर दी जाएगी. लोगों को जल जमाव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. - अनिता शर्मा, मेयर
ड्रेनेज सिस्टम पर करीब 650 करोड़ रुपये खर्च होंगे. योजना की डीपीआर पर कार्य चल रहा है. 42 स्क्वायर किलोमीटर में अंडर ग्राउंड पाइप लाइन डालने की योजना है. हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और बहादराबाद के क्षेत्रों में कार्य किया जाएगा. योजना का क्रियान्वयन होने के बाद लोगों की सौ फीसदी जलभराव की समस्या का समाधान होगा. - मंजू, ईई, सिंचाई विभाग