जोशीमठ: दो जनवरी से जेपी कॉलोनी में लगातार हो रहे पानी के रिसाव का अब तक सुराग नहीं मिल पाया है। पानी कहां से आ रहा है, कब तक आता रहेगा, कुछ तय नहीं है। अच्छी खबर यह है कि पानी के रिसाव में कमी आई है। हालांकि पानी का रंग अब भी मटमैला बना हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ एनआईएच की टीम आज एक बार फिर पानी के नमूने लेने जोशीमठ पहुंचेगी।
पानी रिसाव का पता नहीं चल सका:
जेपी कॉलोनी में जमीन से रिसता पानी अब भी एक अबूझ पहेली बना हुआ है। 6 जनवरी को पानी का फ्लो 540 एलपीएम था। बुधवार को यह 123 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) पर पहुंच गया।
राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) रुड़की की टीम पानी के स्रोत का रहस्य जानने के लिए हाईड्रोलॉजिकल जांच कर चुकी है। इस दौरान संस्थान की टीम ने जेपी कॉलोनी में बह रहे पानी के साथ ही एनटीपीसी की सुरंग सहित 13 स्थानों से पानी के नमूने भरे थे।