उत्तराखंड

चूल्हे में भरा पानी, भूखे सो गए लोग, आजमगढ़ जिले में बांध टूटा

HARRY
14 Oct 2022 9:06 AM GMT
चूल्हे में भरा पानी, भूखे सो गए लोग, आजमगढ़ जिले में बांध टूटा
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पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से उफनाई सरयू खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। सूबे में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। लोग सड़क पर जीवनयापन करने को मजबूर है। खाने-पीने की दिक्कतों के साथ तमाम दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी दौरा करके स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा वह स्वयं जरूरी सामानों का वितरण करा रहे हैं। अयोध्या जिले में सरयू की बाढ़ की विकरालता से जिले के तीन तहसील की 10 हजार आबादी प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में जरूरी समान खत्म हो गया हैं, लोग सिर्फ दाल-चावल से काम चला रहे हैं। कई इलाकों में चार दिन से चाय नहीं बनी है, लोग हरी सब्जी को तरस गए हैं। सरयू अभी भी लाल निशान से 125 सेमी. ऊपर है। उधर अयोध्या-बिल्वहरि घाट तटबंध में रिसाव शुरू हो गया है। अयोध्या जिले में जिलाधिकारी नितीश प्रशासनिक अमले के साथ बुधवार रात लगभग 10 बजे मांझा कला के पास बनाए गए बाढ़ शरणालय पहुंच गए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का हालचाल लिया। भोजन पैकेट का वितरण किया।

आजमगढ़ जिले में बांध टूटने से बाढ़

शुक्रवार की सुबह में दाम महुला गांव के पास बना कैंची बांध पानी के दबाव में टूट गया। बांध के टूटने से तीन गांवों के 150 घर पानी में डूब गए। इससे आक्रोशित लोगों ने आजमगढ़-गोरखपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया है। सगड़ी तहसील के देवरांचल से होकर गुजरने वाली घाघरा नदी में अब कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण लोगों विस्थापन का सिलसिला शुरू हो गया है। महुला गढ़वल बांध पर पानी बंधे के बराबर हो गया है। जगह-जगह रिसाव बाढ़ खंड की मुसीबत को बढ़ा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार की भोर में 4:30 बजे के करीब दाम महुला में बना कैंची बंधा पानी के दबाव से टूट गया था। लोग गहरी नींद में सोए थे जब घर में पानी भरने लगा तो लोगों को इसकी जानकारी हुई। तीन गांवों के 150 घरों में बाढ़ का पानी भर गया। इन गांवों में अफरा तफरी मच गई। लोग अपनी घर गृहस्थी के सामानों को परिवार के साथ मिलकर छत पर पहुंचाने लगे। घर के छोटे बच्चों को भी तत्काल छत पर पहुंचाया। पशुओं को पानी से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बांध टूटने से दाम महुला के उत्तरी पुरवे के 80 घर, छिऊला के 50 घर, दक्षिण पुरवे के 55 घर पूरी तरह से पानी में डूब गए। जिससे आक्रोशित लोगों ने सुबह लगभग 10 बजे आजमगढ़-गोरखपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों का चक्का जाम जारी है। मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है।

सरयू उफनाने से 13 और गांवों में भरा पानी

अंबेडकरनगर जिले में सरयू नदी के रौद्र रूप ने टांडा नगर में भी कहर बरपाया है। यहां एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। माझा उल्टहवा व माझा कला गांव के लोगों को प्रशासन ने नाव से सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया है। लगभग साढ़े तीन सौ ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए गए हैं।

बाढ़ में बर्बाद हो गई 35 सड़कें

बाराबंकी जिले में बाढ़ ने न केवल हजारों परिवारों की घर-गृहस्थी व खेती तबाह कर दी बल्कि विकास कार्य को भी प्रभावित कर दिया है। रामनगर और सिरौलीगौसुपर क्षेत्र में करीब 35 सड़कें बाढ़ की भेंट चढ़ गईं।

सरयू में आई बाढ़ के पानी से घिरे गांवों में फंसे हैं सैकड़ों लोग

बाराबंकी जिले में तराई में जिधर नजर उठाकर देखिए पानी ही पानी नजर आ रहा है। सरयू नदी के पानी से घिरे गांवों में अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। इनके परिवार के कुछ लोग तटबंधों पर रह रहे हैं। तटबंध पर जो बनता है नाव के द्वारा परिवार के लोग लेकर आते हैं, उसी को खाकर किसी तरह से जिंदगी गुजारी जा रही है। आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।

गांव तक नहीं पहुंच रहे अधिकारी और नेता

बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि अधिकारियों और नेताओं का निरीक्षण सिर्फ तटबंध तक सीमित रह गया है। कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि बाढ़ की तबाही झेल रहे गांव को नहीं पहुंच रहा है। सिर्फ वह सनावा गांव के पास बनी बाढ़ चौकी तक सीमित रह जाते है। सांसद, विधायक आते हैं और फोटो खिंचवाकर लौट जाते हैं।

बाढ़ क्षेत्र के 600 गांवों की बिजली ठप

सीतापुर जिले में तराई इलाके में बाढ़ से रेउसा व रामपुर मथुरा विकासखंड के करीब छह सौ गांवों की बिजली गुल है। चार दिन बाद भी बिजली बहाल नहीं हो सकी है। इसकी वजह से ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही हैं। मोबाइल न चार्ज होने से लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

गोंडा जिले में बाढ़ के कहर से सहमे हैं गांव के लोग

गोंडा जिले में पिछले एक सप्ताह से सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटीय इलाकों में तबाही का मंजर दिख रहा है। बाढ़ पीड़ित सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। क्षेत्र के दत्तनगर, गोकुला, साखीपुर, तुलसीपुर माझा,माझा राठ, जैतपुर, दुल्लापुर, दुर्गा गंज माझा, कटराभोगचंद, इस्माइलपुर, लोलपुर, जफरापुर गांव की स्थिति विकट है। तहसील प्रशासन द्वारा विस्थापितों को राहत सामग्री दी जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने दुल्लापुर, दुर्गा गंज माझा क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना तथा राहत सामग्री का वितरण किया।

अंबेडकरनगर जिले में में अचानक पानी पहुंचने से हुईं दिक्कतें

अंबेडकरनगर जिले में सरयू नदी की बाढ़ ने लोगों के सामने मुश्किल हालात उत्पन्न कर दिए हैं। कहीं रसोई गैस सिलिंडर खत्म होने के बीच मिट्टी के चूल्हे तक पानी पहुंच जाने से खाना नहीं बन पाया तो कहीं पूरी रात बिना खाए ही गुजारनी पड़ी। कहीं लोग रात इस आशंका में डरकर बिता रहे हैं कि पानी चारपाई के ऊपर तक न पहुंच जाए। हालात इतने ज्यादा बेकाबू हैं कि पशुओं तक को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा है। श्रावस्ती में बाढ़ पीड़ितों को परोसा जाने वाला लंच पैकेट घटिया बताया जा रहा है।

खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही नदी

बहराइच जिले में तराई क्षेत्र के साथ ही नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भीषण बरसात थमने से बैराजों से छोड़े जाने वाले पानी में कमी आई है। जिससे सरयू का जलस्तर घटना शुरू हो गया है, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर घटने के बाद भी ग्रामीणों की दुश्वारियां बनी हुई हैं।

पावर हाउस में बाढ़ का पानी घुसा, बिजली आपूर्ति ठप

बलरामपुर जिले में श्रीदत्तगंज विकास खंड के बजाज पावर हाउस (बिजली घर) इटई मैदा में बाढ़ का पानी घुसने से उतरौला नगर सहित कई गांव की बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई है।

गंगा में फिर से उफान, विश्वनाथ धाम के रैंप तक पहुंचा पानी

गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण तीसरी बार नौका संचालन बंद कर दिया गया है, वहीं तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की सांसें भी अटकी हुई हैं। गंगा के घाटों का आपसी संपर्क समाप्त होने के कारण घाट किनारे रहने वालों की दैनिक जीवनचर्या प्रभावित हुई है। अंतिम संस्कार के लिए मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। दोबारा काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के रैंप तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।

सीएम योगी ने हवाई सर्वेक्षण कर जिले में बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अक्तूबर में इस तरह की अप्रत्याशित बाढ़ न कभी देखी गई थी, न सुनी गई थी। पहली बार प्रदेश के कई जनपदों में इस तरह की स्थिति देखने को मिली है और सरकार इस आपदा का युद्ध स्तर पर मजबूती से सामना कर रही है। अयोध्या, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर का हवाई सर्वेक्षण करने व मौके पर जाकर लोगों से मिलते हुए गोरखपुर आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि हर पीड़ित के घर तक राहत सामग्री समय से पहुंच जाए।

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