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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के साथ ही अब सरकार पेयजल आपूर्ति की अगले 30 वर्ष की संभावनाएं भी परखेगी।
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में अब तक 14 लाख 95 हजार में से नौ लाख 64 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। करीब 7100 करोड़ की इस योजना से पेयजल की छोटी-बड़ी 16 हजार 151 परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में छोटी-बड़ी 16,151 पेयजल योजनाएं बनाई गई हैं। इनमें से 14 हजार योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं। स्वीकृत योजनाओं में से 8632 का काम पूरा भी हो चुका है। इनमें से 6500 का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराया गया, जिसमें से 200 योजनाओं की कमियां दूर भी की जा चुकी हैं।
सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि पांच करोड़ तक की पेयजल योजनाएं जिलाधिकारी के स्तर से आवंटित की जा रही हैं। इससे अधिक की 81 परियोजनाएं शासन स्तर से स्वीकृत की जाएंगी। इनमें से 79 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। करीब 45 बड़ी परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो चुका है। जहां की परियोजनाएं बन चुकी हैं, वह गांवों की विलेज वाटर सैनिटेशन कमेटी (वीडब्ल्यूएससी) को सुपुर्द की जा चुकी हैं। यह समिति ही पेयजल योजना का रखरखाव करेगी। गौरतलब है कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत एक रुपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है।
30 साल के लिए पानी की उपलब्धता परखेगा विभाग
प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के साथ ही अब सरकार पेयजल आपूर्ति की अगले 30 वर्ष की संभावनाएं भी परखेगी। बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल आयोग की ओर से समीक्षा बैठक हुई, जिसमें राज्य सरकार की ओर से सचिव पेयजल नितेश झा भी शामिल हुए। तय किया गया कि प्रदेशभर से पेयजल स्रोतों से पानी की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी जाएगी।
बुधवार को हुई बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा हुई। बैठक के बाद सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि सरकार का मकसद है कि गांव-गांव तक हर घर नल से जल पहुंचाने का जो मिशन चल रहा है, उसके तहत पेयजल की हर समय आपूर्ति हो। जल जीवन मिशन के तहत हर व्यक्ति तक प्रतिदिन 55 लीटर पेयजल पहुंचाने पर काम चल रहा है।
आज जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में योजनाओं के साथ ही वहां पानी की उपलब्धता को लेकर चर्चा हुई है। तय किया गया है कि सभी डिवीजन से पेयजल स्रोतों व अन्य माध्यमों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। अगली केंद्रीय बैठक में इस पर दोबारा चर्चा होगी।
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