हल्द्वानी न्यूज़: पत्नी मायके में थी और पति ने यहां जहर खाकर जान दे दी। भाई उसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन जान नहीं बच सकी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रविवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। दमुवाढूंगा काठगोदाम निवासी खुशी राम यहां पत्नी, दो बेटे और दो बहुओं के साथ रहते हैं। बड़ा बेटा राम बहादुर रुद्रपुर में नौकरी करता है। जबकि छोटा बेटा विरेंद्र कुमार (30) सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में वार्ड ब्वॉय की नौकरी करता था। विरेंद्र की करीब पांच साल पहले निशा से शादी हुई थी। जिससे उनको डेढ़ साल का बेटा चित्रांश है। बताया जाता है कि शनिवार को विरेंद्र और उसके बाई राम बहादुर की नाइट ड्यूटी थी। रविवार सुबह दोनों एक घंटे के अंतराल में घर पहुंचे और अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए। बताया जाता है कि इसी दरम्यान विरेंद्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ी तो चीखने-चिल्लाने लगा। आनन-फानन में राम बहादुर बाइक से विरेंद्र की सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम में इस बात की चर्चा रही कि विरेंद्र से अनबन के चलते बीती 7 जुलाई को उसकी पत्नी निशा मायके चली गई थी और वापस नहीं लौट रही थी। इसी से आहत विरेंद्र ने जहर खाकर जान दे दी। हालांकि विरेंद्र के भाई ने इस बात से साफ इंकार किया, लेकिन आत्महत्या की वजह वह भी साफ नहीं कर सके।