उत्तराखंड

उत्तराखंड चुनाव के लिए पर्वतीय सीटों पर लगातार घटा वोटिंग प्रतिशत

Deepa Sahu
15 Jan 2022 11:02 AM GMT
उत्तराखंड चुनाव के लिए पर्वतीय सीटों पर लगातार घटा वोटिंग प्रतिशत
x
उत्तराखंड में ठीक एक महीने पांचवें विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया होगी।

उत्तराखंड में ठीक एक महीने पांचवें विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया होगी। राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के साथ-साथ 14 फरवरी को तमाम प्रशासनिक अमले की भी परीक्षा का दिन होगा। प्रत्याशियों की किस्मत और अफसरों की मेहनत बक्से में बंद हो जाएगी। किसी भी चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी अफसरों के पास होती है।

शत-प्रतिशत मतदान का झंडा बुलंद करने के लिए हर चुनाव से पहले काफी खर्च किया जाता है लेकिन पर्वतीय विधानसभाओं में अफसरों के ये प्रयास भी नाकाफी ही साबित हुए हैं। कुमाऊं की 29 में से कई सीटें ऐसी हैं जहां मतदान प्रतिशत कम होता जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि बागेश्वर, द्वाराहाट, सल्ट, रानीखेत, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की लगभग 40 से 50% आबादी वोटिंग के दिन घर से ही बाहर नहीं निकलती।
2002 में कपकोट में सर्वाधिक मतदान
राज्य गठन के बाद 2002 में उत्तराखंड में पहले विधानसभा चुनाव हुए। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण यहां के लोगों ने प्रदेश की सरकार चुनने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों की बात करें तो उस चुनाव में बागेश्वर जिले की कपकोट विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 61.08% मतदान हुआ था। इसी जिले की कांडा सीट पर 59.08% और बागेश्वर सीट पर 59.08% मतदान हुआ। जबकि, द्वाराहाट, भिकियासैंण, सल्ट, सोमेश्वर, हल्द्वानी, नैनीताल, गंगोलीहाट विधानसभा सीट पर 50% मतदान भी नहीं हो सका।
2007 में बंपर मतदान
पहले विधानसभा चुनाव के बाद मतदाताओं की मनोदशा में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला। 2007 के विस चुनाव में कुमाऊं की 17 सीटों पीर 60% से अधिक मतदान हुआ। लेकिन इसके बाद के चुनावों में कई सीटों पर मतदान प्रतिशत लगातार कम होता चला गया।
विधानसभा जिनमें घट रही वोटिंग
सीट 2007 2012 2017
बागेश्वर 65.10% 60.74% 59.87%
द्वाराहाट 58.70% 51.88% 51.64%
सल्ट 57.72% 51.98% 45.85%
रानीखेत 60.97% 53.37% 51.56%
सोमेश्वर 60.61% 57.96% 53.60%
अल्मोड़ा 63.18% 60.62% 58.47%
हल्द्वानी 67.52% 70.30% 67.08%
पिथौरागढ़ 62.71% 65.24% 62.08%


Next Story