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प्रकृति का खेल काफी निराला है. वो इंसान को सींचती है. इंसान को उसकी जरुरत का हर सामान इस प्रकृति से ही मिल जाता है.
प्रकृति का खेल काफी निराला है. वो इंसान को सींचती है. इंसान को उसकी जरुरत का हर सामान इस प्रकृति से ही मिल जाता है. लेकिन लालची इंसानों ने अपने मतलब के लिए इसका काफी भी मौका मिला है,इंसानों ने सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के हिसाब से प्रकृति का फायदा उठाया है. इसी वजह से समय-समय पर प्रकृति भी अपना रौद्र रुप दिखाकर इंसान को डरा देती है. जब तक बर्दाश्त होता है, तब तक सब शांत रहता है. लेकिन फिर एक ही झटके में सब कुछ तहस-नहस हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ था 1940 में यूके के डर्बीशायर (Derbyshire, UK) में. जहां बाढ़ में पूरा का पूरा गांव ही तबाह हो गया था.
डर्बीशायर में बसे डारवेंट गांव (Derwent Village) का नमो-निशान अचानक आए बाढ़ की वजह से मिट गया था. उस समय एक ऐसा डैम बनाने का प्रस्ताव सामने रखा गया जो यूके के प्रमुख शहरों में पानी की आपूर्ति करेगा. इसमें डर्बी, शेफ़ील्ड, नॉटिंघम और लीसेस्टर शामिल है. इस डैम के निर्माण में ऐसा पानी का सैलाब आया कि उसने डारवेंट गांव का अस्तित्व ही खत्म कर दिया. जो चीज जैसी थी,वैसी ही पानी के अंदर समा गई. लोगों को समय रहते घर से बाहर निकाल लिया गया और इसके साथ ही गांव को भूला दिया गया.
अब आया सामने
इन दिनों यूके अब तक की सबसे भीषण गर्मी झेल रहा है. यूके में आए हीटवेव की वजह से नदी-नाले सब सुख गए हैं. इसी की वजह से जिस डैम को बनाने के चक्कर में पूरा गांव डूब गया था, वो सामने आ गया है. Ladybower डैम के सुख जाने की वजह से ये गांव इतने सालों बाद एक बार फिर सतह पर आ गया. इस गांव की तस्वीरें सामने आई है, जिसमें 82 साल तक पानी में रहने के बाद दिखे इस गांव की झलक नजर आई.
4 साल पहले खुला था राज
डारवेंट गांव का कभी अस्तित्व भी था, ये 2018 में सामने आया था. तब पड़ी गर्मी में डैम के पानी की सतह नीचे गई थी. इससे गांव की एक झलक लोगों को दिखी थी. उस जगह के इतिहास को जब खंगाला गया तो इसका पूरा राज सामने आया. अब पड़ी भीषण गर्मी ने तो पुरे गांव को सामने ही लाकर खड़ा कर दिया है.कई इमारतों का जखीरा दिखाई देने लगा है. इसमें लोगों एक घर के ढांचों से लेकर चर्च तक शामिल है. ढांचे देखकर कहा जा रहा है कि ये अपने समय में काफी समृद्ध गांव रहा होगा. लेकिन इंसान के और ज्यादा के लालच में पूरा गांव तबाह हो गया.

Ritisha Jaiswal
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