देहरादून न्यूज़: केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के ताजा फैसले के बाद अब उत्तराखंड में पीक आवर्स में सस्ती बिजली मिल सकेगी. इससे गर्मियों के सीजन में उपभोक्ताओं को बिजली के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
आयोग ने बाजार में बिजली के रेट नए सिरे से निर्धारित कर दिए हैं. एक्सचेंज में अब कंपनियां बिजली के रेट दस रुपये प्रति यूनिट से अधिक कोड नहीं कर पाएंगी. अधिकतम कीमत दस रुपये प्रति यूनिट तय कर दी है. पहले अधिकतम रेट 12 रुपे प्रति यूनिट तय था. सुबह और शाम के समय पीक आवर्स में बाजार में रेट अधिकतम रहते हैं.
एक्सचेंज में पहले बिजली के अधिकतम रेट 20 रुपये प्रति यूनिट तक तय थे. पिछले वर्ष जब बिजली का बाजार में गंभीर संकट गहरा गया था, उस दौरान केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने अधिकतम रेट 20 रुपये प्रति यूनिट से घटा कर 12 रुपये प्रति यूनिट कर दिया था. इस बार गर्मियों में बिजली का संकट खड़ा होने से पहले ही बाजार को नियंत्रित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके आयोग की ओर से बाजार के रेट नियंत्रित करने को 10 रुपये प्रति यूनिट रेट तय कर दिए हैं. इससे प्रतिदिन यूपीसीएल को भी 20 लाख तक की राहत मिल सकेगी.
हाई प्राइस बिजली का रेट भी कम केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बाजार में हाई प्राइस पावर का रेट 50 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 20 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. गैस, ब्लैंडेड कोल आदि बिजली के रेट हाई प्राइस पावर के हिसाब से तय किए थे.
बिजली सप्लाई में बड़ी मदद की तैयारी में केंद्र: केंद्र सरकार उत्तराखंड को सितंबर तक 300 मेगावाट की अतिरिक्त मदद सुनिश्चित कर चुका है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आश्वासन दिया था कि उत्तराखंड की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बड़ी मदद उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए केंद्रीय टीम को उत्तराखंड भेजने के निर्देश दिए थे. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की टीम उत्तराखंड पहुंचने जा रही है. जो ऊर्जा की मौजूदा स्थिति का आकलन करेगी.
केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने पावर एक्सचेंज के लिए नए सिरे से रेट तय कर दिए हैं. पीक आवर्स में रेट दो रुपये प्रति यूनिट कम कर दिया गया है. हाई प्राइस पावर का रेट भी कम हुआ है. पूरा फोकस इसी बात पर है कि आम जनता को पर्याप्त बिजली उपलब्ध होती रहे. इस दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है.
- अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल