उत्तराखंड

उत्तराखंड : राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के किस विधायक ने की क्रॉस वोटिंग? हाईकमान से उच्च स्तरीय जांच की मांग

Renuka Sahu
23 July 2022 5:17 AM GMT
Uttarakhand: Which Congress MLA did cross-voting in the presidential election? Demand for high level inquiry from high command
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फाइल फोटो 

राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के एक विधायक की क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस सकते में है। प्रदेश इकाई इस संबंध में हाईकमान को रिपोर्ट भेज रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के एक विधायक की क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस सकते में है। प्रदेश इकाई इस संबंध में हाईकमान को रिपोर्ट भेज रही है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए हाईकमान से कमेटी बनाने की पैरवी की जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने क्रॉस वोटिंग को पार्टी के प्रति अपराध करार दिया।

माहरा ने चुनौती देते हुए कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक को खुलकर सामने आना चाहिए। यदि वो पार्टी में रहने के इच्छुक नहीं हैं तो तत्काल जा सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के वोटिंग के आंकड़ों के अनुसार,उत्तराखंड में कांग्रेस के एक विधायक के राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने की पुष्टि हो रही है।
कांग्रेस के ही एक विधायक का वोट, गलत तरीके से मतदान की वजह से अमान्य हुआ। शुक्रवार के अंक में आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' ने इस संबंध में प्रमुखता से रिपोर्ट प्रकाशित की। क्रॉस वोटिंग का खुलासा होते ही कांग्रेस में कोहराम मच गया। माहरा ने सुबह ही नेता प्रतिपक्ष आर्य के साथ विचार-विमर्श किया। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी इसकी सूचना दी गई।
सूत्रों के अनुसार, हाईकमान इस मुद्दे पर काफी गंभीर है। मामले की जांच को जल्द ही उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जा सकती है। क्रॉस वोटिंग के दोषी विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी पूरी तैयारी है। दोपहर को राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में माहरा ने दो टूक कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक ने निकृष्टता का परिचय दिया है। यदि उनमें जरा भी नैतिकता बची है खुलकर सामने आएं। चोरों की तरह छिपकर रहने के बजाए स्वयं ही पार्टी से चले जाएं।
कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी: क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पार्टी लाइन के विपरीत भाजपा को वोट करना सीधे सीधे हाईकमान के आदेश का उल्लंघन तो है ही स्थानीय स्तर पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पर भी सवाल है। सूत्रों के अनुसार,हाईकमान के सख्त आदेश के बावजूद जिस तरह क्रॉस वोटिंग हुई और विधायक नदारद रहे हैं, उसे पार्टी के कुछ नेताओं की भाजपा से बढ़ती निकटता के रूप में भी देखा जा रहा है।
हाईकमान को भेजी जाएगी चारों विधायकों की रिपोर्ट
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ और बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी शामिल नहीं हुए थे। कई विधायक मतदान के दिन सुबह ही दून पहुंचे थे। प्रदेश नेतृत्व की ओर से गैरहाजिर विधायक, क्रॉस वोटिंग और गलत वोटिंग करने वाले चारों विधायकों की रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी।
मालूम हो कि क्रॉस वोटिंग और अमान्य वोटिंग का पता लगाना भी आसान नहीं है। गोपनीय मतदान होने की वजह से इसका रिकार्ड गोपनीय रखा जाता है। दूसरा, पार्टी व्हिप जारी न होने की वजह से भी विधायक वोटिंग के लिए स्वतंत्र होते हैं।
यह अनुशासनहीनता है। पार्टी लाइन के खिलाफ जाने वाले पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। गैरहाजिर विधायकों से भी कारण पूछा जाना चाहिए।
मयूख महर, विधायक, पिथौरागढ़
यह दुखद है कि पार्टी में अनुशासन का उल्लंघन हो रहा है। जो भी अनुशासन तोड़ता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वो कोई भी हो।
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