उत्तराखंड परिवहन न्यूज़: रोडवेज के 84 कर्मचारी को रिटायर करने का दिया गया निर्देश, कर्मचारियों में मचा हड़कंप
देवभूमि देहरादून न्यूज़: अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) के आदेश से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। निगम ने देहरादून, नैनीताल, टनकपुर के मंडल प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह अक्षम 84 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देते हुए जानकारी मुख्यालय भेजे। निगम मुख्यालय ने परिवहन निगम में काम कर रहे 84 अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का आदेश जारी किया है। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने इस मामले में जल्द ही यूनियन बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन की ओर से शुक्रवार को जारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) के आदेश से हड़कंप मच गया। निगम ने देहरादून, नैनीताल, टनकपुर के मंडल प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह अक्षम 84 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देते हुए जानकारी मुख्यालय को भेजे। सेवानिवृत्त होने वालों में एक लिपिक, 69 ड्राईवर, 14 कंडक्टर शामिल हैं। वह अपने पद के सापेक्ष काम नहीं कर सकते हैं। इन सभी को परिवहन निगम कर्मचारी (अधिकारियों से भिन्न) सेवा नियमावली-2015 के विनियम 37 (क) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारी पहले नोटिस जारी करेंगे और फिर रिटायर कर देंगे। निगम ने उन कर्मचारियों को सीआरएस से राहत दी है, जो कि रोडवेज बस हादसे की वजह से अक्षम हुए हैं।
निगम से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में 01 लिपिक, 27 ड्राईवर, 11 कंडक्टर, नैनीताल में 23 ड्राईवर, 02 कंडक्टर, टनकपुर में 19 ड्राईवर, 01 कंडक्टर को जबरन सेवानिवृत्त किया जाना है। इधर, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने इस पर विरोध जताया है। यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि परिवहन निगम मुख्यालय को कर्मचारी के हित में काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि परिवहन निगम में लागू की गई एस्मा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही जबरन रिटायरमेंट के निर्णय को लेकर यूनियन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे का निर्णय लिया जाएगा।