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उत्तराखंड: सचिन ने काठगोदाम बैरक में फंदा लगाकर की खुदकुशी

Kajal Dubey
24 July 2022 12:20 PM GMT
उत्तराखंड: सचिन ने काठगोदाम बैरक में फंदा लगाकर की खुदकुशी
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हल्द्वानी :सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर काठगोदाम में तैनात दारोगा ने खुदकुशी कर ली। उनका शव बैरक के अंदर पंखे से लटका मिला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौंप दिया है। मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
एक माहले पर ज्वाइन किया था सीआरपीएफ
ग्राम बिथला, ठकिया, झज्जर हरियाणा निवासी 26 वर्षीय सचिन पुत्र विजय कुमार एक माह पहले सीआरपीएफ में बतौर दारोगा ज्वाइन हुए थे। काठगोदाम थाना प्रभारी प्रमोद पाठक के मुताबिक शनिवार की सुबह सचिन व उसका एक दोस्त बैरक में आराम कर रहे थे। दोपहर साढ़े 12 बजे दोस्त खाना खाने के लिए बैरक से बाहर आ गया था। वह वापस लौटा तो सचिन फंदे से लटका था।
सीआरपीएफ जवानों ने फंदे से उतारा शव
मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ जवानों ने शव फंदे से नीचे उतराकर सेंटर में स्थित अस्पताल में पहुंचाया। इससे पहले सचिन की मौत हो चुकी थी। थाना प्रभारी प्रमोद पाठक ने बताया देर शाम मृतक सचिन के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। शव लेकर स्वजन हरियाणा जाएंगे। जहां राजकीय सम्मान के साथ उसकी अंत्येष्टि होगी।
एक साल में स्वजनों ने खोया दूसरा बेटा
सचिन से घरवालों को काफी उम्मीदें थी। उम्मीदें इसलिए ज्यादा बढ़ गई थी कि परिवार ने देश के खातिर एक बेटा पहले खो दिया था। अधिकारियों के मुताबिक दारोगा परीक्षा पास करने वाला सचिन ज्वाइनिंग के लिए आने में घबरा रहा था। घरवालों की जिद पर उसने एक माह पहले ज्वाइन किया था।
नेवी में शहीद हो गया था बड़ा बेटा
सचिन के पिता विजय कुमार ने बताया कि उनका बड़ा बेटा इंडियन नेवी में था। एक साल पहले वह देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। सचिन होनहार था। उसके अंदर देश सेवा का जज्बा था। इसी उद्देश्य से उसने सीआरपीएफ में दारोगा की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। बड़े भाई की मौत के बाद वह टूट चुका था।
सचिन नहीं ज्वाइन करना चाहता था सीआरपीएफ
चयन होने के बाद वह काठगोदाम स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में ज्वाइनिंग के लिए नहीं पहुंचा। सचिन के माता-पिता उसे लेकर पहुंचे थे। तब उसने ज्वाइनिंग की। सचिन की मौत से स्वजनों पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है। बदहवास हालत में माता-पिता शनिवार की दोपहर काठगोदाम पहुंचे। मां सचिन के शव से लिपटकर रोते ही बेहोश हो गईं।
खुदकुशी के कारणों का नहीं चला पता
सीआरपीएफ अधिकारी व स्वजन समझ नहीं पा रहे हैं, कि उसने आत्मघाती कदम क्यों उठाया। ऐसी क्या मजबूरी रही जो वह अपने दिल की बात किसी को नहीं बता पाया। एसओ प्रमोद पाठक के अनुसार सचिन ने बैरक में शाल से फंदा लगाया था। शाल को कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है। जिसे जांच के लिए फोरेंसिंक साइंस लैब (एफएसएल) रुद्रपुर भेजा जाएगा।
साथियों की आंखें नम, बोल-अच्छे स्वभाव का था सचिन
मोर्चरी के बाहर साथियों के आंखें नम शव को एंबुलेंस से लेकर सीआरपीएफ के दारोगा सतपाल सिंह बिष्ट समेत कई साथी पहुंचे। मोर्चरी में शव को उतारते ही साथियों की आंखें नम हो गई। दारोगा सतपाल सिंह ने बताया कि सचिन होनहार था।
मां मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रखना
सचिन की मां के आंसू नहीं थम रहे थे। बेटे की मौत पर विलाप कर उनके मुंह से एक आवाज निकल रही थी। बेटा कहां चला गया मुझे छोड़कर। उनका कहना था कि शुक्रवार को सचिन ने फोन पर कहा था वह ठीक है अपना ख्याल रखना।
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