उत्तराखंड भर्ती घोटाला: वायरल हुआ मंत्रीजी का पुराना बयान
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अल्मोड़ा: इन दिनों अगर कोई पूछे कि उत्तराखंड में क्या चल रहा है तो हर जुबान पर एक ही बात है- भर्ती घोटाला। फिर चाहे वह उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपरलीक मामला हो या फिर विधानसभा में बैकडोर से की गईं भर्तियां या फिर दूसरी भर्ती परीक्षाएं। एसटीएफ की जांच में लगातार आरोपी पकड़े जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या छोटी मछलियों की तरह बड़े मगरमच्छ भी एसटीएफ की गिरफ्त में आ सकेंगे ?
उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में धांधली को लेकर हर रोज नये खुलासे हो रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। ताजा मामला पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के रिश्तेदारों को नौकरी देने को लेकर वायरल पत्र से जुड़ा है जो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। पूर्व शिक्षामंत्री और गदरपुर विधायक अरविंद पांडे से जुड़े वायरल पत्र में उनके आठ रिश्तेदारों द्वारा सरकारी नौकरी पाने की बात सामने आ रही है। हालांकि वायरल पत्र की पुष्टि अमृत विचार नहीं करता।
इधर, पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से जुड़े पत्र के वायरल होने के बाद अब उनका एक पुराना बयान भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह भर्ती घोटालों को लेकर कहते दिख रहे हैं कि चाहे कितने भी रसूख वाला कोई क्यों न हो, भाजपा की सरकार उसे छोड़ेगी नहीं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या धामी सरकार और एसटीएफ पूर्व शिक्षामंत्री से जुड़े पत्र का संज्ञान लेगी जिसमें उनके आठ रिश्तेदार (चार बिहार और चार बाजपुर, उत्तराखंड के) सरकारी नौकरी पाते नजर आ रहे हैं। आरोप है कि अरविंद पांडे ने मंत्री रहते हुए अपने भाई, भतीजे और दामाद को नौकरियों पर लगवाया था। इससे पहले कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का सिफारशी पत्र वायरल हुआ जिसमें उन्होंने उत्तरकाशी के चार युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए आग्रह किया था।