उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस को अनदेखी पड़ सकती है भारी, महिलाओं की 33 हिस्सेदारी फीसदी ना होने पर रुक जाएगा मॉडर्नाइजेशन फंड

Renuka Sahu
7 April 2022 6:30 AM GMT
उत्तराखंड पुलिस को अनदेखी पड़ सकती है भारी, महिलाओं की 33 हिस्सेदारी फीसदी ना होने पर रुक जाएगा मॉडर्नाइजेशन फंड
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड पुलिस को महिला कर्मियों की अनदेखी भारी पड़ सकती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड पुलिस को महिला कर्मियों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने राज्यों को पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न होने पर राज्य सरकार को मिलने वाले मॉडर्नाइजेशन फंड को रोका जा सकता है।

केंद्र सरकार ने पुलिस मॉडर्नाइजेशन के लिए 26 हजार करोड़ का फंड तय किया है। इसमें से 2018-19 में उत्तराखंड को 11.08 करोड़ व 2019-20 में 2.46 करोड़ रुपये मिले थे। पर राज्य पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या काफी कम है। ऐसे में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाने को कहा है।
वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में करीब 21 हजार कार्मिक हैं। इसमें से महिला पुलिस कर्मियों की संख्या केवल 2602 है। यह कुल पुलिस फोर्स का मात्र 12 प्रतिशत ही हैं। ऐसे में महिलाओं की संख्या को 33 फीसदी तक पहुंचाने के लिए करीब साढ़े चार हजार महिला पुलिस कर्मियों की जरूरत है।
सीनियर से लेकर जूनियर पदों पर महिलाएं गायब
पुलिस विभाग में वरिष्ठ से लेकर जूनियर पदों तक में महिलाओं की संख्या बेहद कम है। उत्तराखंड पुलिस विभाग की वरिष्ठता सूची के अनुसार प्रदेश में पांच एडीजी के पद हैं। पर वरिष्ठता सूची में एक भी महिला अधिकारी का नाम नहीं है। छह आईजी पदों में केवल एक महिला आईपीएस शामिल है।
इसी तरह प्रदेश में एसएसपी के 27 पदों में वर्तमान में केवल छह महिला आईपीएस ही जगह बना पाई हैं। सबसे खराब स्थिति तो एएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर एवं कांस्टेबलों के पदों पर हैं। इन पदों में महिलाओं की भागीदारी 10 फीसदी भी नहीं है। इसके अलावा ज्यादातर महिला पुलिस कर्मचारियों को डेस्क जॉब में लगाया गया है।
उत्तराखंड पुलिस में महिलाओं की भागीदारी
पद महिलाएं कुल
एडीजी 00 05
आईजी 01 06
एसएसपी 06 27
एएसपी 15 100
इंस्पेक्टर 10 219
सब इंस्पेक्टर 294 1555
हेड कांस्टेबल 75 2240
कांस्टेबल 2201 16,714
थाने में 3 सब इंस्पेक्टर, 10 महिला सिपाही जरूरी
केंद्र सरकार ने तय किया है कि देश के हर पुलिस थाने में एक महिला हेल्प डेस्क बनानी अनिवार्य होगी। इसके लिए राज्यों से कहा गया है कि हर पुलिस स्टेशन में कम से कम 3 सब इंस्पेक्टर और 10 सिपाही महिलाएं होनी चाहिए। इसके लिए नई भर्तियां शुरू होंगी।
हिमाचल, बिहार व लद्दाख से भी कम महिलाएं
उत्तराखंड महिला साक्षरता में भले ही देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहता है, पर पुलिस में महिलाओं की संख्या के मामले में हम देश में 23वें नंबर पर आते हैं। मणिपुर, हिमाचल, लद्दाख, हरियाणा आदि राज्यों से भी पीछे हैं। दरअसल पुलिस में अब भी महिलाओं को मुख्य भूमिकाओं व फील्ड डयूटी में कम रखा जाता है। महिला पुलिस कर्मियों को दुर्गम इलाकों में कम तैनात किया जाता है।
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