उत्तराखंड
उत्तराखंड: सहकारी समितियों की सेवा नियमावली में बदलाव का विरोध
Kajal Dubey
9 July 2022 1:07 PM GMT

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सितारगंज। सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने सीएम को मांग पत्र भेजकर सेवा नियमावली में बदलाव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां स्वायत्तशासी संस्था हैं जो अपने संसाधनों से कृषक सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार की नीति के अनुसार कार्य करती है। सेवा नियमावली बदलने से समितियों का स्वरूप खंडित होगा।
शुक्रवार को समितियों के कर्मचारियों ने एसडीएम तुषार सैनी के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को मांग पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सहकारी समितियों के अफसरों पर लोकतांत्रिक स्वरूप को बदलने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाया गया है। 24 जून से समिति प्रबंधक कमेटी के अधिकारों का हनन हो रहा है। कहा कि सहकारी समितियां स्वायत्तशासी संस्था हैं।
प्रस्तावित सेवा नियमावली से समिति संचालक मंडल को सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 तथा समितियों की आदर्श उपलब्धियों में अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों के हित में सेवा नियमावली में किए गए बदलाव के प्रपत्र को निरस्त करने की मांग की। वहां कमल बेलवाल, शुभम त्यागी, अमित राणा, अंकित बड़ौला, दलजीत सिंह, ममता अधिकारी, दीप सिंह राणा, राजेंद्र प्रसाद, जगतवीर त्यागी, जीवन आदि थे।
पैक्स नियमावली को निरस्त करने की मांग
गदरपुर। पैक्स नियमावली निरस्त करने की मांग को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने तहसीलदार के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा।
शुक्रवार को सहकारी समिति कर्मचारी यूनियन के जिला उपाध्यक्ष रमन चौधरी के साथ सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार देवेंद्र बिष्ट को 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा। कर्मचारियों ने कहा कि पैक्स नियमावली लागू होने से सहकारी समितियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि सहकारी समितियां अंशधारी कृषक सदस्यों के बलबूते पर चलती हैं।
ऐसे में जब किसानों के हितों की अनदेखी होगी तो असंतोष की भावना भी फैल सकती है। उन्होंने 10 सूत्री मांगपत्र पर आपत्ति और सुझाव देते हुए समिति और कर्मचारियों के हित में निर्णय लिए जाने की बात कही है। वहां अमित कुमार, अजय कुमार, ऋषिकेश बाला, मनोज कुमार, केतन गगनेजा, बृजेश कंबोज, शिशुपाल, तस्वीर हुसैन, ब्रजमोहन, प्रदीप कुमार, जावेद, राजवीर सिंह आदि थे। संवाद
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