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उत्तराखंड न्यूज: घरों में सगुनाखर गाकर मनाई हरिशयनी एकादशी
Gulabi Jagat
10 July 2022 9:52 AM GMT
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उत्तराखंड न्यूज
नगर के मंदिरों व घरों में हरिशयनी, देवशयनी एकादशी धूमधाम के साथ मनाई गई। घरों में पारंपरिक वेशभूषा में सगुनाखर गाकर तुलसी दल लगाया गया। पौराणिक देवी मंदिर पंडित मोहन कपिल, पंकज कपिल ने बताया कि इसी दिन से चातुर्मास का आगाज माना जाता है। अब सृष्टि के पालनकर्ता व संचालक भगवान विष्णु चार महीने के शयन या योगनिद्रा में चले जाते हैं। और सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी भगवान शिव करते हैं।
उन्होंने बताया कि हरिशयनी से चातुर्मास व्रत का भी शुभारंभ होता है। पुराणों के अनुसार आज से भगवान विष्णु क्षीर सागर की अनन्त शैय्या पर योगनिद्रा के लिए चले जाते हैं। चातुर्मास के प्रारम्भ की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस चौमासे के अंत में देव उठनी एकादशी कहते हैं। उस दिन भगवान के उठने का समय होता है। इन चार महीनों में विष्णु शयन करते हैं, जिसके चलते इन महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। धर्म शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के संचालन का कार्य चातुर्मास में भगवान शिव और उनका परिवार करता है। उनसे जुड़े व्रत-त्यौहार आदि मनाए जाते हैं। श्रावण माह पूरा भगवान शिव को समर्पित रहता है। इसमें श्रद्धालु एक माह उपवास रखते हैं। शिव मंदिरों में विशेष अभिषेक पूजन आदि संपन्न किए जाते हैं। भाद्रपद माह में दस दिनों तक भगवान श्रीगणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आश्विन माह में देवी दुर्गा की आराधना शारदीय नवरात्रि के जरिए की जाती है।
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