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उत्तराखंड न्यूज: गांवों में जाएंगे जिला स्तरीय अधिकारी, धरातल पर होगी पहाड़ से पलायन की पड़ताल
Gulabi Jagat
26 Aug 2022 5:27 PM GMT

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उत्तराखंड न्यूज
लायन से खाली हो रहे पहाड़ के गांवों का सच जानने के लिए अब खुद अधिकारी गांवों में पहुंचेंगे।
पिथौरागढ़ जिले के 33 गांवों की विस्तृत रिपोर्ट खुद जिला स्तर के अधिकारी तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर पलायन को रोकने के लिए योजनाएं तैयार होंगी।
भारी पलायन से जूझ रहा पहाड़
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में कई गांव पलायन की मार झेल रहे हैं। लगभग 33 गांवों में पिछले एक दशक में भारी पलायन हुआ है। इनमें कुछ गांव जनशून्य होने की स्थिति में हैं।
पलायन के कारणों की पड़ताल के लिए पहले भी शासन स्तर से सर्वे कराए गए, लेकिन जो कारण सामने आए उन पर कोई काम नहीं हुआ।
डीएम करा रहे 33 गांवों का सर्वे
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने जिले के 33 गांवों में पलायन के कारणों की धरातल पर जाकर ठोस पड़ताल का जिम्मा जिला स्तर के अधिकारियों को सौंपा है।
प्रशासन ने कारणों को जानने के लिए एक फार्मेट तैयार किया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, कृषि जैसे विषय शामिल हैं।
बनेगी ठोस योजना
गांव में रह रहे लोगों से अधिकारी इन विषयों पर चर्चा करेंगे। चर्चा में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर पलायन की रोकथाम के लिए योजनाएं बनाई जायेंगी।
रोजगार व अलाभकारी खेती सबसे बड़ा कारण
पलायन के कारणों की पहचान के लिए गांवों में पहुंच रहे अधिकारियों को जो फीड बैक मिल रहा है उसमें शिक्षा और स्वास्थ पलायन के उतने बड़े कारण नहीं हैं, जितने बडे़ कारण रोजगार और अलाभकारी खेती है।
बेरीनाग और गंगोलीहाट तहसीलों के जीवल, देवराड़ी पंत, बासुदेव और ढढोली गांव में पहंचे उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.पंकज जोशी को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा और स्वास्थ की सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही है, लेकिन रोजगार का कोई इंतजाम नहीं है।
पूरे दिन खेतों में काम करने के बाद भी कृषि से आजीविका नहीं चल रही है। खेती को जंगली जानवर और प्रतिकूल मौसम खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन गांवों में 35 से 40 प्रतिशत तक पलायन हो चुका है।

Gulabi Jagat
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