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उत्तराखंड: कैंची धाम स्थापना दिवस; दो साल बाद 15 जून को लगेगा भक्तों का मेला, यातायात डायवर्ट, जानें क्या होगा खास
Kajal Dubey
14 Jun 2022 4:58 PM GMT
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कैंची धाम का 58वां स्थापना दिवस आज 15 जून को धूमधाम से मनाया जाएगा। बुधवार सुबह पूजा-अर्चना कर छह बजे बाद बाबा नीब करौली महाराज को मालपुए का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा जाएगा। श्रद्धालुओं को लाइन में खड़ा कर प्रसाद लेने की व्यवस्था कर दी गई है।
कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद मेले के लिए दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। श्रद्धालु बुधवार सुबह चार बजे से लाइन में लगकर बाबा के दर्शन के लिए पहुचेंगे। इसके लिए मंदिर समिति और पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। मंदिर में धक्का-मुक्की न हो इसके लिए रस्सियों के सहारे लाइन बनाकर दर्शन कर प्रसाद लेने की व्यवस्था की गई है।
रविवार से ही मालपुवे बनाने शुरू कर दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को उचित तैयारी कर ली है। लोगों की मदद के लिए पुलिस मुस्तैद की जा रही है।
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र, सीओ प्रमोद साह के नेतृत्व में मेले को लेकर ब्रीफिंग की गई। इस दौरान वाहनों को खैरना से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कैंची धाम से पहले पनिराम ढाबे के पास वाहनों को खड़ा किया जाएगा। हरतपा सड़क पर एक छोर पर पार्किंग की जाएगी।
भवाली से आने वाले दोपहिया वाहन जंगलात बैरियर पर शटल सेवा तक जाएंगे, उससे आगे श्रद्धालु पैदल मंदिर तक जाएंगे। कैंची धाम मुख्य गेट तक वाहन नहीं पहुंच पाएंगे। यहां जीरो जोन बनाया गया है। वहीं क्वारब से वाहन रामगढ़ होते हुए खुटानी आएंगे। खुटानी से रामगढ़ क्वारब होते हुए वाहन अन्य जगह के लिए जाएंगे।
एसपी क्राइम जगदीश चन्द्र ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि पुलिस को नीम करौली महाराज की सेवा का मौका मिला है। उन्होंने पुलिस को पार्किंग, यातायात, भीड़ को सुव्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। इस दौरान एसपी सिटी हरवंश सिंह, सीओ ट्रैफिक विभा दीक्षित, सीएफओ संजीवा कुमार, सीओ बलजीत भाकुनी, कोतवाल डीआर वर्मा, चौकी प्रभारी दिलीप कुमार मौजूद रहे।
पहली बार गैस के भट्ठों पर तैयार होगा प्रसाद
कैंची धाम के 58वां स्थापना दिवस के लिए तैयारी पूरी हो गई है। धामी में पहली बार गैस के भट्ठों पर मालपुओं का प्रसाद बनेगा। प्रसाद बनाने को में करीब 8 से 10 छोटे-बड़े गैस के भट्ठे लगाए गए हैं। अब तक यहां लकड़ी के चूल्हों पर मालपुआ बनाए जाते थे।
15 जून को कैंची धाम में नीब करौली बाबा के मेले में मालपुआ का प्रसाद बांटा जाता है।
शुद्ध देशी घी से बने मालपुआ बनाने के यहां अलग नियम हैं। प्रसाद बनाने में वही श्रद्धालु भाग ले सकता है, जो व्रत लेकर आए और धोती, कुर्ता धारण कर उस अवधि में लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा हो।
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