उत्तराखंड
उत्तराखंड: आय से अधिक संपत्ति मामले में IAS रामविलास से पुलिस रिमांड में पूछताछ शुरू
Gulabi Jagat
5 July 2022 8:00 AM GMT
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IAS रामविलास से पुलिस रिमांड में पूछताछ शुरू
देहरादून: आय से अधिक संपत्ति अर्जित (Disproportionate Assets Case) करने के मामले में कानूनी शिकंजे में फंसे रिटायर्ड उत्तराखंड आईएएस रामविलास यादव (IAS Ramvilas Yadav) से पुलिस रिमांड में पूछताछ शुरू कर दी गई है. देहरादून के विजिलेंस मुख्यालय में यादव से संपत्ति जांच से जुड़े दस्तावेजों पर सवाल पूछे जा रहे हैं. विजिलेंस टीम को पूछताछ के लिए कोर्ट से एक दिन की रिमांड मिली है. उसी के तहत उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक संपत्तियों के बारे में रामविलास से सवाल जवाब किए जा रहे हैं.
गौर हो कि उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आईएएस को गिरफ्तारी के बाद जेल भेजा गया हो. फिलहाल, रामविलास यादव न्यायिक हिरासत में 14 दिन की जेल काट रहे हैं. 6 जुलाई 2022 को उनकी कोर्ट में पेशी है. इससे पहले ही विजिलेंस रिमांड (Vigilance Remand) पर लेकर यादव से जांच से जुड़े अहम दस्तावेजों पर पूछताछ कर रही है.
यादव ने विजिलेंस के आगे नहीं खोला मुंह: बता दें कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 522 गुना अधिक संपत्ति को लेकर उत्तराखंड की विजिलेंस रामविलास यादव के खिलाफ जांच कर रही है. 11 जून 2022 को विजिलेंस की टीम ने उत्तराखंड से लेकर यूपी के लखनऊ, गाजीपुर जैसे कई स्थानों में छापेमारी कर रामविलास की कई संपत्तियों का खुलासा किया था. इस पूरे मामले में रामविलास अभी तक पूछताछ और जांच में विदेश का सहयोग नहीं कर रहे थे. यही कारण था कि उन्हें 23 जून 2022 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. यादव की पत्नी और बेटी से भी होगी पूछताछ: इस मामले में विजिलेंस की तरफ से यादव की पत्नी और बेटी को भी जांच दस्तावेज के सबूतों सहित पूछताछ का नोटिस 27 जून 20022 जारी किया गया था. यादव की पत्नी और बेटी ने विजिलेंस के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है.
यादव के ठिकानों पर छापेमारी: गौर हो कि, इस मामले में उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव व एलडीए के पूर्व सचिव रामविलास यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके लखनऊ के पुरनिया स्थित घर पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की थी. इसके अलावा यूपी के गाजीपुर और गाजियाबाद के अलावा उत्तराखंड के ठिकानों पर भी विजिलेंस ने छापेमारी की थी. सपा सरकार के करीबी थे रामविलास: रामविलास लखनऊ विकास प्राधिकरण में लंबे समय तक तैनात रहे थे. उसके बाद एडिशनल डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं. रामविलास सपा सरकार के बेहद करीबी अधिकारी थे, लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद साल 2019 में वो यूपी से उत्तराखंड चले आए थे. यादव पर यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का सचिव रहते हुए आय से 500 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर उत्तराखंड शासन ने 9 जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे. यूपी की ओर से उत्तराखंड को सौंपे गए तमाम दस्तावेजों के आधार पर यादव के खिलाफ उत्तराखंड में भी विजिलेंस विभाग ने रिपोर्ट दर्ज की थी.
Gulabi Jagat
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