उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मलबा अलकनंदा के किनारे फेकने को लेकर टीएचडीसी वाली याचिका पर की सुनवाई
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नैनीताल कोर्ट रूम न्यूज़: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने टीएचडीसी द्वारा चमोली में विष्णुगाड पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का मलबा अलकनंदा के किनारे बसे चमोली के हाट गांव और आदि-शंकराचार्य द्वारा स्थापित लक्ष्मीनारायण मंदिर एवं उसके परिसर में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मंदिर परिसर के 100 मीटर परिक्षेत्र में मलबा डालने पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार और टीएचडीसी को जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तिथि नियत की है। सुनवाई के दौरान अदालत ने मलबे की तस्वीरों पर आश्चर्य व्यक्त किया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि किसी विशेष परियोजना के लिए भूमि के अधिग्रहण का मतलब यह नहीं था कि वे कहीं भी मलबा फेंक दें और किसी क्षेत्र की विरासत और पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाएं। यह भी बताया कि टीएचडीसी द्वारा एएसआई की सिफारिशों की पूर्ण अवहेलना करते हुए 1000 वर्ष से अधिक पुराने एक विरासत मंदिर को कूड़े के ढेर में परिवर्तित किया जा रहा है।