उत्तराखंड

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी 200 फ्लैट्स मामले में रोक को जारी रखा

Shantanu Roy
3 Dec 2021 10:10 AM GMT
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी 200 फ्लैट्स मामले में रोक को जारी रखा
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उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हल्द्वानी में पिछौड़ा डेवलपर द्वारा बनाए जा रहे फ्लैट्स मामले में सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के दमुआढुंगा में निर्माणाधीन फ्लैट्स पर रोक (Ban on Under Construction Flats in Damuadhunga) के आदेश को आगे बढ़ाते हुए 17 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख दी है.

जनता से रिश्ता। उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हल्द्वानी में पिछौड़ा डेवलपर द्वारा बनाए जा रहे फ्लैट्स मामले में सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के दमुआढुंगा में निर्माणाधीन फ्लैट्स पर रोक (Ban on Under Construction Flats in Damuadhunga) के आदेश को आगे बढ़ाते हुए 17 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख दी है. वहीं, मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

वहीं, आज पिछौड़ा डेवलपर के अधिवक्ता ने नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) में शपथ पत्र पेश कर कहा कि उन्होंने सात मंजिल तक निर्माण कार्य कर लिया है. रोक के आदेश को हटाया जाए. लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह निर्माण केंद्रीय नियमावली के विरुद्ध है. जबकि इसमें याचिकाकर्ता का 33 प्रतिशत हिस्सा भी है. अब मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.
मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई. मामले में दमुआढुंगा हल्द्वानी निवासी मेजर निधि सिंह ने याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि उनके पिता कर्नल हुकुम सिंह ने दमुआढुंगा हल्द्वानी में जमीन खरीदी थी. 2014 तक यह जमीन ग्रामीण क्षेत्र में थी. 2014 के बाद यह हल्द्वानी नगर निगम (Haldwani Municipal Corporation) में शामिल हो गयी.
2017 में उनके पिता की मृत्यु हो गयी. उनके पिता की तीन संतानें मेजर निधि सिंह, कर्नल अनिमेष सिंह व प्रीति सिंह हैं. पिता की मौत के बाद निधि सिंह ने म्यूटेशन के लिए तहसील में प्रार्थना पत्र दिया जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. निधि का आरोप है कि उनके भाई अनिमेष सिंह ने झूठे अनापत्ति प्रमाण पत्र बनाकर यह संपति अपने नाम करा ली.
इस संबंध में निधि सिंह ने एक वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन हल्द्वानी के वहां दायर किया. सिविल जज सीनियर डिवीजन ने अपने आदेश में कहा कि अनिमेष सिंह ने सभी जगह से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए हैं. इसलिए वे इस भूमि पर कंस्ट्रक्शन कर सकते हैं. यह भूमि उनकी ही है.

सिविल जज के आदेश को निधि सिंह ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि इस भूमि से कई पेड़ काटे गए हैं और अनिमेष सिंह ने यह भूमि अपनी पत्नी को गिफ्ट भी कर दी है. जिस पर अनिमेष की पत्नी पिछौड़ा डेवलपर के नाम से दो सौ के करीब फ्लैट्स बना रही हैं.


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