उत्तराखंड: सरकार देवभूमि में करेगी हवाई सेवाओं का विस्तार
प्रदेश सरकार भी अब स्वयं हवाई सेवाओं का संचालन कर सकेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार को निविदाएं आमंत्रित करने का अधिकार दे दिया गया है। हवाई सेवा के संचालन को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एआइआइ) प्रदेश सरकार को तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगी। प्रदेश सरकार 20 सीट से कम क्षमता के छोटे हवाई जहाज भी खरीद सकेंगी। केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत प्रदेश सरकारों को इसके लिए अधिकृत कर दिया है। प्रदेश में अभी हवाई सेवाओं का संचालन तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। दरअसल, उड़ान योजना के तहत प्रदेश में देहरादून से पिथौरागढ़, हिंडन से पिथौरागढ़ और पंतनगर से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा पांच स्थानों से हेली सेवाएं भी स्वीकृत हैं। प्रदेश में हेली सेवाओं का संचालन तो हो रहा है, लेकिन हवाई सेवाएं सुचारू नहीं हो पाई हैं। देहरादून से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा का संचालन शुरू तो किया गया, लेकिन यह बहुत दिनों तक नहीं चल पाई। विमान में आई तकनीकी खराबी के बाद यह सेवा लड़खड़ाती गई और अंत में बंद हो गई।
अब केंद्र ने उत्तराखंड को 20 सीट से कम क्षमता वाले जहाजों की स्वयं खरीद के साथ ही इनके संचालन के लिए निविदा करने को भी अधिकृत कर दिया है। प्रदेश में अभी पिथौरागढ़, जौलीग्रांट, गौचर, चिन्यालीसौड़ व पंतनगर में हवाई पट्टी बनी हुई हैं। इन स्थानों पर हवाई सेवाओं का संचालन किया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश में 13 स्थानों पर बनने वाले हेलीपोर्ट में हेली सेवाओं का संचालन आरंभ किया जाएगा। हालांकि, हवाई जहाज की खरीद समेत सभी कार्य नई सरकार के आने के बाद किए जाएंगे। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने बताया कि उड़ान योजना के तहत केंद्र ने प्रदेश को अपने स्तर पर हवाई सेवाओं के संचालन को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही 20 सीट से कम क्षमता के हवाई जहाज खरीदने की अनुमति दी गई है। ऐसे में सरकार खुद हवाई सेवा का संचालन कर सकती है। उन्होंने कहा कि जल्द इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।