उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने बदले नए उद्योगों को लगाने के नियम, निवेशकों एनओसी से मिलेगी तीन साल तक छूट

Renuka Sahu
17 Jun 2022 5:29 AM GMT
Uttarakhand government changed the rules for setting up new industries, investors will get exemption from NOC for three years
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। ऐसे निवेशक अब उद्योग की स्थापना के तीन साल तक विभिन्न विभागों की एनओसी ले सकेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। ऐसे निवेशक अब उद्योग की स्थापना के तीन साल तक विभिन्न विभागों की एनओसी ले सकेंगे। विधानसभा में गुरुवार को उत्तराखंड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन संशोधन अधिनियन 2012 पेश किया गया। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने गुरुवार को यह विधेयक सदन में रखा।

इस अधिनियम के पारित होने के बाद राज्य में उद्योग लगाना आसान हो जाएगा। राज्य में अभी तक 10 करोड़ की सीमा से नीचे के उद्योग (माइक्रो और स्मॉल) लगाने के लिए निवेशक को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के 30 दिन के भीतर नक्शा, फायर, प्रदूषण, बिजली सहित सभी जरूरी क्लीयरेंस लेने अनिवार्य थे।
इस वजह से उद्योगों को विभिन्न एनओसी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने अब अधिनियम में बदलाव करते हुए नियम बदलने का निर्णय लिया है। इसके तहत सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद निवेशक तीन साल के भीतर कभी भी नक्सा, फायर, बिजली, प्रदूषण आदि की एनओसी ला सकते हैं। इस बीच उद्योग लगाने के लिए निवेशक को अंडरटेकिंग देनी होगी। इस बीच कोई भी विभाग उद्योगा का निरीक्षण नहीं कर सकेगा।
10 करोड़ से बड़े उद्योगों को भी राहत : अधिनियम में यह भी बदलाव किया जा रहा है कि 10 करोड़ से अधिक के उद्योग एनओसी तीन साल या उत्पादन शुरू होने से पहले जो भी पहले हो उस समय तक एनओसी ला सकते हैं। इससे उद्योगों को अब एनओसी के लिए भागना नहीं पड़ेगा। नए नियमों के तहत एनओसी के लिए कोई भी विभाग अब तीन साल से पहले उद्योग का निरीक्षण नहीं कर पाएगा। यानी बिना एनओसी के लगे उद्योगों का समय से पहले चालान नहीं किया जा सकेगा।
एनओसी के लिए कॉमन फार्म की व्यवस्था : सिंगल विंडो के तहत उद्योगों को अभी तक इन प्रिंसिपल एप्रूवल लेने के बाद एनओसी के लिए अलग अलग आवेदन पत्र भरने होते थे। लेकिन सरकार ने इस नियम को भी सरल करते हुए अब सभी एनओसी के लिए कॉमन फार्म की व्यवस्था बना दी है। जैसे सिंगल विंडो सिस्टम के तहत इन प्रिंसिपल एप्रूवल के लिए कॉमन फार्म भरना होता था उसी तरह अब एनओसी के लिए भी निवेशकों को एक कॉमन ही फार्म भरना होगा। इससे लोगों को बार बार फार्म भरने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
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