उत्तराखंड वन विभाग ने लापाता बाघिन को खोजने के लिए यूपी वन विभाग से मांगी मदद
रामनगर न्यूज़: दो साल पहले जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व से राजाजी टाइगर रिजर्व लाई गई बाघिन के लापता होने के बाद उत्तराखंड वन विभाग के साथ ही यूपी वन विभाग की टीमें भी खोजबीन में जुट गई हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने लापता बाघिन के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर यूपी की सीमा में दाखिल होने की संभावना जताई है। विभागीय अफसरों का कहना है कि लापता बाघिन की अंतिम बार लोकेशन उत्तराखंड और यूपी की सीमा पर मिली थी। उधर, लापता बाघिन की तलाश के लिए टाइगर रिजर्व की अधिकारियों की अगुवाई में विशेष सर्च अभियान चलाया जा रहा है। हाथियों और गाड़ियों पर सवार अधिकारी, वनकर्मी पूरे रिजर्व क्षेत्र के अलावा वन विभाग के जंगलों की खाक छान रहे हैं। साथ ही टाइगर रिजर्व में लगाए गए तमाम ट्रैप कैमरों की भी जांच की जा रही है।
हालांकि, अभी तक लापता बाघिन के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। टाइगर रिजर्व के अफसरों का मानना है बाघिन ने गले में लगे रेडियो कॉलर को या तोड़ दिया है या फिर उसकी बैटरी ने काम करना बंद कर दिया है, जिससे उसकी लोकेशन को चिह्नित करने में दिक्कत आ रही है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व से लापता बाघिन का पता लगाने के लिए टाइगर रिजर्व व वन विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में विशेष सर्च अभियान चलाया जा रहा है। बाघिन के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर यूपी की सीमा में दाखिल होने की संभावनाओं है। ऐसे में यूपी वन विभाग से मदद मांगी गई है।