उत्तराखंड
उत्तराखंड: कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा, तैयारियों को लेकर सीएम धामी ने ली समीक्षा बैठक
Kajal Dubey
8 July 2022 5:41 PM GMT
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांविड़यों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया जाएगा। कोरोनाकाल के दो साल बाद 14 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने की संभावना है। शासन-प्रशासन की ओर से इसी हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं। कहा कि कांविड़यों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी शुक्रवार को सीसीआर भवन के सभागार में कांवड़ तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पुलिस-प्रशासन एवं अन्य विभागों के अधिकारियों से कांवड़ तैयारियों की प्रगति रिपोर्ट पूछी। कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ यात्रा तैयारियां पूरी कराएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने की संभावना है। यात्रियों के शुरुआती दलों का हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया जाएगा। उनके स्वागत और यात्रा सुविधा में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कावड़ यात्रा देवभूमि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
दो साल बाद यात्रा शुरू होने से उमड़ेगा सैलाब
दो साल बाद यात्रा शुरू होने से सैलाब उमड़ेगा। उसी हिसाब से जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की जा रही हैं। हरिद्वार के अलावा यात्रा रूट से जुड़े अन्य जिलों में भी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। यातायात व्यवस्था सुचारु कराने सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए खाका तैयार कर लिया है।
साफ-सफाई, शौचालय, पेयजल और पार्किंग की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कांवड़ मार्ग पर भंडारे और टेंट लगते हैं। उन सभी की व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बाबा के भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो।उनकी यात्रा सरल और सुरक्षित हो सके। समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आनंद वर्द्धन, डीपीजी अशोक कुमार, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, संजय गुप्ता,
डा. जयपाल सिंह चौहान समेत कई अधिकारी और नेता मौजूद रहे।
प्रदेश की पहली ड्रोन कंपनी का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक कारगर साबित होगी। साथ ही आपदा के समय दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल और अन्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन सबसे अधिक उपयोगी है। कहा कि रुड़की क्षेत्र में प्रदेश की पहली ड्रोन कंपनी खुलने से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही दुर्गम क्षेत्रों को भी बहुत लाभ पहुंचेगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुड़की के रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में प्रदेश की सबसे पहली रोटर ग्रुप ऑफ कंपनी (ड्रोन बनाने वाली कंपनी) का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का महत्व आने वाले समय में और बढ़ेगा। राज्य सरकार अपने स्तर से ड्रोन तकनीक को लेकर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। कहा कि आपदा क्षेत्र में फंसें लोगों को तलाशने में ड्रोन की अहम भूमिका होती है। साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए मेडिकल और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि शादी समारोह में जो युवा ड्रोन के जरिए फोटो और वीडियोग्राफी करते हैं। उन्हें ड्रोन रिसर्च एप्लीकेशन सेंटर के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि भविष्य में आपदा के दौरान इनकी सेवाएं ली जा सकें। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत को नंबर वन बनाना चाहते हैं। ड्रोन तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर कई प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में ड्रोन से आम लोगों को भी बहुत लाभ मिलेगा। ड्रोन के जरिए आम लोग दुर्गम क्षेत्रों और कृषि के बारे में जानकारी उपलब्ध कर सकते हैं। ड्रोन कंपनी खुलने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
150 करोड़ का निवेश कर सौ युवा इंजीनियरियों को देंगे नौकरी
रुड़की में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कंपनी के चेयरमैन साजिद मुख्तार ने कहा कि पीएम मोदी की स्वामित्व योजना के तहत देश के छह लाख 64 हजार गांवों का ड्रोन के जरिए मैप बनाया जा रहा है। इस योजना से प्रभावित होकर 32 देशों ने इसे अपने यहां लागू करने की ईच्छा जताई है। कहा कि उनकी कंपनी ने योजना के तहत ड्रोन के जरिए सटीक डिजिटल मैपिंग की है।
प्रदेश में इस योजना के तहत सबसे पहले हरिद्वार में मां गंगा की मैपिंग की गई। उन्होंने कहा कि हम मां गंगा को घर-घर पहुंचा सकते हैं और इसका पैसा लेकर सरकारी राजस्व को बढ़ा सकते हैं। साथ ही बताया कि प्रदेश में ड्रोन मैपिंग के जरिए 150 खंडहर हो चुके ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश में 150 करोड़ का निवेश करना चाहते हैं और अपनी कंपनी के जरिए प्रदेश के सौ युवा इंजीनियरियों को नौकरी देंगे। इस दौरान कंपनी की ओर से किए गए कार्यों का एलईडी के जरिए थ्रीडी प्रस्तुतिकरण भी किया।
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