उत्तराखंड

Uttarakhand : अत्यंत जोखिम वाली 5 हिमनद झीलों का आकलन करेंगे विशेषज्ञ दल

Tara Tandi
28 March 2024 8:21 AM GMT
Uttarakhand : अत्यंत जोखिम वाली 5 हिमनद झीलों का आकलन करेंगे विशेषज्ञ दल
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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पांच हिमनद झीलों के जोखिम आकलन और सव्रेक्षण के लिए विशेषज्ञों के दो दल गठित किए हैं। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि इन दलों द्वारा इस साल मई-जून में इन झीलों पर काम शुरू किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों में स्थित 188 हिमनद झीलों में से 13 उत्तराखंड में हैं और बाढ़ के खतरे के अनुसार इन्हें श्रेणीबद्ध किया गया है।
उत्तराखंड में फरवरी 2021 में चमोली जिले में हिमनद से बनी झील के फट जाने से ऋषिगंगा नदी पर बनी एक लघु जलविद्युत परियोजना बह गई थी और बाढ़ आ गई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। ‘हिमनद झील के फटने से बाढ़’ (जीएलओएफ) एक घटनाक्रम है जिसमें हिमनद से बनी झील का पानी तेजी से और अचानक बहने से बाढ़ आ जाती है। सिन्हा ने हिमनद झीलों पर केंद्रीय गृह मंत्रलय के आपदा प्रबंधन विभाग के साथ एक ऑनलाइन बैठक में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की 13 हिमनद झीलों को ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी में बांटा गया है जिसमें ‘ए’ सबसे अधिक संवेदनशील हैं। इनमें पांच झील ‘ए’ श्रेणी में, चार ‘बी’ श्रेणी में और चार ‘सी’ श्रेणी में आती हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे हिमालयी राज्यों के मुख्य सचिवों और अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। सिन्हा ने कहा कि पांच अत्यंत संवेदनशील झीलों में से चार पिथौरागढ़ जिले में और एक चमोली में है।
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