चमोली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे में भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने और प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचे.
मुख्यमंत्री ने कस्बे में आने से पहले जोशीमठ का हवाई सर्वेक्षण किया था।
जोशीमठ कस्बे में घरों, सड़कों और खेतों में भारी दरारें देखी गई हैं और कई घर धराशायी हो गए हैं. जोशीमठ में भूस्खलन के कारण भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क पर कई स्थानों पर दरारें पाई गई हैं।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा भी भूस्खलन की चपेट में है. जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी के रिसाव के कारण घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जोशीमठ शहर में भू-धंसाव की घटना और इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन किया।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक सभी निर्माण कार्य रोक दिया गया है.
चमोली जिला प्रशासन के शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार कुल 561 प्रतिष्ठानों में रविग्राम वार्ड में 153, गांधीनगर वार्ड में 127, मारवाड़ी वार्ड में 28, लोअर बाजार वार्ड में 24, सिंहधर वार्ड में 52, मनोहर बाग में 71 प्रतिष्ठान हैं. अपर बाजार वार्ड में 29 वार्ड में सुनील वार्ड में 27 और परसारी में 50 में दरारें आने की सूचना है, जिसके कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत होटल व्यू और मलारी इन के संचालन को अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया गया है.
गुरुवार को नौ परिवार विस्थापित हुए, जिनमें चार परिवार जोशीमठ नगर निगम, एक गुरुद्वारा जोशीमठ, एक टूरिस्ट हॉस्टल मनोहर बाग व अन्य शामिल हैं.
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