उत्तराखंड

उत्तराखंड: जिम कॉर्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण की सीबीआई जांच शुरू

Tara Tandi
24 Sep 2023 9:19 AM GMT
उत्तराखंड: जिम कॉर्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण की सीबीआई जांच शुरू
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी निर्माण मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में विजिलेंस से संबंधित दस्तावेज मांगे थे, जो उन्हें सौंप दिए गए हैं। निदेशक विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन ने इसकी पुष्टि की है। अब इस मामले में सीबीआई शीघ्र संबंधित अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर सकती है।
नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। इससे पहले कॉर्बेट में 106 हेक्टेयर में बनने वाली पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के दौरान छह हजार से अधिक पेड़ काटे जाने अवैध निर्माण के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच क्यों नहीं कराई जाए।
अब तक आठ एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी और अन्य पर्यटक सुविधाओं के निर्माण में तमाम तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं। संख्या से ज्यादा पेड़ तो काटे ही गए, तमाम तरह के निर्माण बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के करा दिए गए। राष्ट्रीय पार्क में चारदीवारी और इमारतों का भी निर्माण किया गया।
ठेकेदारों से हो सकती है पूछताछ
इस मामले में देहरादून निवासी अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कॉर्बेट में छह हजार पेड़ों के अवैध कटान के संबंध में कई रिपोर्टें कोर्ट के सामने रखी गईं। ये सभी रिपोर्ट याचिकाकर्ता के वकील अभिजय नेगी ने कोर्ट को विस्तार से दिखाईं। इस मामले में सीबीआई सबसे पहले पाखरो सफारी निर्माण से जुड़े सेवानिवृत्त और मौजूदा वन अफसरों समेत रेंज में काम करने वाले करीब एक दर्जन वन अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों से पूछताछ कर सकती है।
सीबीआई की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत भी होंगे। क्योंकि विजिलेंस और अन्य जांचों में यह बात सामने आई है कि हरक सिंह के दबाव में ही कॉर्बेट टाइगर सफारी में वित्तीय और अन्य स्वीकृतियां लिए बिना ही काम शुरू कर दिया गया था। इधर, निदेशक विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि सीबीआई को एफआईआर की कॉपी पहले ही सौंपी जा चुकी है। अब जो भी संबंधित साक्ष्य हैं, उन्हें सौंपा जा रहा है। सीबीआई की ओर से अब तक की जांच से संबंधित जो भी कागजात इत्यादि मांगे जाएंगे, उन्हें सौंप दिया जाएगा।
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