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देहरादून: मंगलवार को विधानसभा के तृतीय सत्र के प्रथम दिन विपक्ष प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को सदन में घेरने में एक दम से नाकाम रहा। सदन में प्रश्नकाल के दौरान सतपाल महाराज ने सभी विपक्षी नेताओं के प्रश्नों का पूरी बेबाकी से उत्तर दिया। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने सतपाल महाराज से एक के बाद एक प्रश्न किये लेकिन महाराज ने अपने सटीक उत्तरों से सभी को संतुष्ट कराया।
विपक्ष की ओर विधानसभा सदस्य मयूख महर ने सतपाल महाराज से जानना चाहा कि, "पिथौरागढ़ में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु जिस टयूलिप गार्डन का निर्माण कराया गया था उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है। गार्डन को बनाने में कुल कितना धन व्यय किया गया और ट्यूलिप पुष्प की पौध कहां से मंगाई गई।"
जिसपर सतपाल महाराज ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि, "पिथौरागढ़ के मोस्टमानू में टयूलिप गार्डन प्रस्तावित किया गया था। मोस्टमानू मंदिर एवं पशुपतिनाथ मंदिर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25,000 टयूलिप बल्ब रोपित किए गए थे जिनका कि वर्तमान में मंदिर समिति द्वारा उपयोग किया जा रहा है। टयूलिप बल्ब्स प्लांटेशन कुल 22,17,515 रुपए का व्यय किया गया। ट्यूलिप बीज का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ना होने के कारण तुलिप गार्डन को तैयार किए जाने पर उसके रखरखाव आदि पर अत्याधिक व्यय होना जैसी समस्याएं सामने आने के कारण इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता है।"
महाराज ने दूसरे विपक्षी सदस्य मयूख महर के चंद्रभागा नदी के ऊपरी भाग में विभाग द्वारा बनाए गए 18 मीटर स्पान पुल के निचले भाग में वर्षा ऋतु में अत्यधिक वर्षा के कारण मोटर मार्ग बहने की समस्या का उत्तर देते हुए बताया कि, "इस प्रकार की समस्या बेहद गंभीर है। इस स्थान पर स्पान सेतु का निर्माण किया गया है जिस पर वर्तमान में आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है। इस मार्ग पर स्पान आरसीसी पुलिया के निर्माण की स्वीकृति जिला योजना के अंतर्गत प्रदान की गई है।"
इसके अलावा विधानसभा सदस्य फुरकान अहमद द्वारा होमस्टे से संबंधित पंजीकरण और उसके लाभ एवं शर्तों के विषय में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सतपाल महाराज ने सदन में कहा कि, "उत्तराखंड ग्रह आवास नियमावली के तहत कोई भी भवन स्वामी अपने परिवार के साथ भौतिक रूप से निवास कर रहा हो, वह व्यक्ति अपने भवन का होमस्टे योजना के अंतर्गत पंजीकरण करा सकता है, जिसमें न्यूनतम 1 कक्ष एवं अधिकतम 6 कक्ष पर्यटकों हेतु पंजीकरण करा सकते हैं।"
इसके अलावा दूसरे विधानसभा सदस्य वीरेंद्र कुमार ने कृषि क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इकबालपुर नहर परियोजना से क्षेत्रवासियों को अति शीघ्र लाभ दिलाने हेतु महाराज से प्रश्न किया। जिसका उत्तर देते हुए सतपाल महाराज ने बताया कि, "इस संबंध में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्य सचिव स्तरीय संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया था कि 665 क्यूसेक जल उत्तराखंड को उपलब्ध कराएं जाने हेतु फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करा कर प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई गई।
उन्होंने कहा कि, "इस संबंध में लगातार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से अनुरोध किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य वैकल्पिक माध्यमों पर भी कार्यवाही प्रस्तावित है। इसके अलावा सदस्यों द्वारा पूछे गए अन्य प्रश्नों का सतपाल महाराज ने सटीक उत्तर देते हुए विपक्षी सदस्यों को निरुत्तर कर दिया।"
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