उत्तराखंड

उत्तराखंड: पिता के डांटने से आहत बेटी हरियाणा से भागकर ऋषिकेश पहुंची

Admin Delhi 1
30 March 2022 1:17 PM GMT
उत्तराखंड: पिता के डांटने से आहत बेटी हरियाणा से भागकर ऋषिकेश पहुंची
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देवभूमि न्यूज़: आजकल इंटरनेट पर रील्स बनाना काफी पॉपुलर हो गया है। बड़े लोगों के साथ ही अब छोटे-छोटे बच्चे भी अक्सर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स बनाते हुए नजर आ रहे हैं। बच्चे थोड़े बड़े होते नहीं हैं कि उनके हाथ में फोन पकड़ा दिया जाता है और खेलने कूदने की उम्र में छोटी उम्र से ही उनके अंदर सोशल मीडिया चलाने का चस्का लग जाता है और बेहद कम उम्र से ही वह टिक टॉक, इंस्टाग्राम फेसबुक इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील्स बनाने लग जाते। रील्स का चस्का इस कदर बच्चों के ऊपर लग चुका है कि वे धीरे-धीरे उसको अपनी आदत बनाते जा रहे हैं जो कि देखा जाए तो बेहद खतरनाक है।

आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आ रहे हैं जिस को पढ़कर आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे। इंस्टाग्राम पर रील्स बनाने पर परिजनों के डांटने से नाराज होकर एक 13 वर्षीय बालिका घर की दहलीज के साथ ही 2 राज्यों की सीमा लांघ कर ऋषिकेश पहुंच गई। जी हां, पुलिस ने बालिका को सकुशल बरामद कर उसको उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मामला सोमवार की देर रात का बताया जा रहा है। ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार की देर रात को उपनिरीक्षक अरुण त्यागी को रात्रि में गश्त के दौरान चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड के पास एक बालिका संदिग्ध परिस्थितियों में घूमती हुई नजर आई। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम ट्विंकल और उम्र 13 वर्ष बताई। जब पूछा गया कि वह कहां की रहने वाली है तो उसने बताया कि वह धरमपुरा कॉलोनी यमुना नगर हरियाणा की है। जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसके परिजन कहां हैं तो उसने बताया कि वह अपने परिजनों से नाराज होकर घर से भागकर बस में बैठकर ऋषिकेश पहुंच गई है। इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बालिका को सकुशल कोतवाली ऋषिकेश लेकर आई और थाना यमुनानगर हरियाणा पुलिस से संपर्क किया तो पता लगा कि थाना यमुनानगर में बालिका की गुमशुदगी दर्ज है। यह भी पता लगा कि बालिका ने इंस्टग्राम पर अपना एक वीडियो अपलोड कर दिया था जिस पर उसके पिता ने उसको बुरी तरह डांट दिया था और पिता की डांट से नाराज होकर वह घर से बिना बताए चली गई थी। पुलिस ने बालिका के परिजनों से संपर्क कर उन्हें बुलाया और कार्यवाही के बाद बालिका को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

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