देवभूमि उत्तराखंड न्यूज़: जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू होगा। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने असुरक्षित भवनों को गिराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम भवनों को ढहाने का काम करेगी, दोनों संस्थानों की टीमें जोशीमठ पहुंच गई हैं। असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ पहुंची सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है।
पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा
सबसे पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक लगाए गए हैं।
सरकार भवनों को तत्काल चाहती है गिराना
प्रशासन के सामने मौसम की भी चुनौती है। बारिश या बर्फबारी की संभावना को देखते हुए सरकार सबसे अधिक असुरक्षित भवनों को तत्काल गिराना चाहती है।
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जाएगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं। सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे।
विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी
भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी।
शिकायत के लिए इन नंबरों पर करें कॉल:
किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम जोशीमठ तहसील का नंबर 8171748602 जारी किया गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के दूरभाष नंबर 01372- 251437,1077 (टोल फ्री) 9068187120 और 7055753124 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ऐसे होंगे काम, ये उठाए कदम
पहली बार होगी तकनीकी जांच
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा के मुताबिक, जोशीमठ में भू-धंसाव की अभी तक कोई तकनीकी जांच नहीं हुई। पहली बार तकनीकी जांच होगी। विशेषज्ञों की टीम 15 से 30 दिन में जांच रिपोर्ट देगी।
तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ पहुंचे जोशीमठ
जोशीमठ शहर की धारण क्षमता का आकलन करने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ पहुंच गए हैं। एनजीआरआई, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ जोशीमठ पहुंच गए हैं।
सरकार राहत पैकेज की मांग करेगी
जोशीमठ में विस्थापन एवं पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र से प्रदेश सरकार राहत पैकेज की मांग करेगी। एनडीएमए के चार सदस्यों की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता में केंद्रीय मदद पर चर्चा हुई। राज्य सरकार राहत पैकेज का प्रारूप तैयार करने में जुट गई है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा
सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव क्यों हो रहा है, इसका कोई ठोस और वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। एनटीपीसी की टनल के कारण भू-धंसाव होने से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
डॉ.सिन्हा ने कहा कि
डॉ.सिन्हा ने कहा कि जब तक जोशीमठ में पानी रिस रहा है और राहत कार्य चल रहे हैं, तब तक कोई निर्माण नहीं होगा। स्थायी पुनर्वास के लिए कोटी बाग, पीपलकोटी और उद्यान विभाग की भूमि की जियो स्टडी जीएसआई की टीम दो दिन में करेगी। सीबीआरआई घरों का डिजाइन बनाएगा।
ड्रेनेज सिस्टम के लिए टेंडर खुलेगा
जोशीमठ में ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए सिंचाई विभाग 13 जनवरी को टेंडर खोलेगा। पहले 20 जनवरी को खुलना था। राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तेजी से कराने के लिए मुख्य सचिव रोज समीक्षा करेंगे। कार्यों को तेजी से अंजाम देने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी और दूसरी कमेटी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें स्थानीय लोग और हितधारक भी होंगे।
जिम्मा शहरी विकास विभाग और आवास को दिया
जोशीमठ शहर का एक मास्टर प्लान तैयार होगा। यह जिम्मा शहरी विकास विभाग और आवास को दिया गया है। वे तत्काल कार्यदायी एजेंसी तय करेंगे। टीएचडीसी और जीएसआई के सहयोग से जोशीमठ में हो रहे मिट्टी के कटाव और उसके निचले भाग में हो रही टो कटिंग की तकनीकी जांच होगी।
सचिव आपदा प्रबंधन के मुताबिक
सचिव आपदा प्रबंधन के मुताबिक, प्रभावितों को राहत एवं पुनर्वास के लिए जिलाधिकारी ने आपदा राहत राशि के मानकों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा है।