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खटीमा नेपाल सीमा बनबसा बॉर्डर से मरीज व तीमारदारों को सितारगंज के निजी अस्पताल ले जा रही एक बुलेरो वाहन चकरपुर में अनियंत्रित होकर धान के खेत में पलट गया
खटीमा नेपाल सीमा बनबसा बॉर्डर से मरीज व तीमारदारों को सितारगंज के निजी अस्पताल ले जा रही एक बुलेरो वाहन चकरपुर में अनियंत्रित होकर धान के खेत में पलट गया। वाहन सवारों की चीख पुकार से हड़कंप मच गया। लोगों ने बमुश्किल घायलों को वाहन से निकालकर सरकारी अस्पताल पहुंचाया। 10 घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया, जिनमें चार घायलों की हालत अधिक गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 10 बजे बनबसा बॉर्डर में सितारगंज के एक निजी अस्पताल के लिए मरीज ले जाने वाली बुलेरो वाहन में करीब दर्जन भर नेपाल के मरीज व उनके तीमारदार सवार थे। बताया कि बॉर्डर में अलग-अलग निजी अस्पतालों के लिए मरीज ले जाने वाली करीब 4-5 गाड़ियां लगी हुईं थी। घायलों ने बताया कि वे सितारगंज के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए वाहन संख्या यूके03टीए 1288में सवार हुए। वाहन चालक तेजी से टनकपुर रोड में वाहन दौड़ाने लगा। इस बीच चकरपुर के पंत फार्म के पास चालक ने नियंत्रण खो दिया और कार खेत में घुसकर पलट गई। इस पर वाहन सवारों की चीख पुकार सुन लोग मौके पर दौड़े। सभी घायलों को तत्काल नागरिक अस्पताल लाया गया।
घायल नेपाल के सखासाल निवासी 40 वर्षीय राधा दयाल, नेपाल के धनगड़ी निवासी 35 वर्षीय चंद्रा, 38 वर्षीय खेम बहादुर, 50 वर्षीय लक्ष्मी, 23 वर्षीय शानू, कंचनुपर निवासी हेमा ओझा, गडढा चैकी निवासी 38 वर्षीय दीपक ओझा, धनगड़ी निवासी 45 वर्षीय शायरा, 63 वर्षीय बलदेव सिंह, सूखासाल निवासी 40 वर्षीय जीत दयाल का प्राथमिक उपचार किया गया। जिसमें गंभीर रूप से घायल राधा दयाल, लक्ष्मी, चंद्रा, खेम बहादुर को हायर सेंटर रेफर किया गया।
डा. नेहा महर के नेतृत्व में फार्मासिस्ट नवल किशोर गोस्वामी, वार्ड ब्वाय मनोज शर्मा प्राथमिक चिकित्सा में जुटे रहे। इधर, घायल जीत दयाल ने बताया कि कई बार वाहन चालक को कहा गया कि स्पीड कम करें, लेकिन उसने वाहन सवारों की एक न सुनीं और ओवर टेक करता रहा और हादसा हो गया। इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दे दी है।
अमृत विचार।
Rani Sahu
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