उत्तराखंड

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में STF की जांच पर लग सकता है ब्रेक, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में गायब मिले CCTV फुटेज

Renuka Sahu
10 Aug 2022 5:52 AM GMT
UKSSSC paper leak case may put brake on STFs investigation, CCTV footage found missing in Lucknow Printing Press
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में हुए घपले में लखनऊ में पेपर छापने वाली प्रेस से प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान का सीसीटीवी फुटेज गायब हो गया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में हुए घपले में लखनऊ में पेपर छापने वाली प्रेस से प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान का सीसीटीवी फुटेज गायब हो गया। आशंका है कि पेपर लीक करने वाले कर्मचारियों की मिलीभगत से ऐसा किया गया होगा। माना जा रहा कि इस प्रकरण में आगे कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

दरअसल, चयन आयोग में तकनीकी व्यवस्था और प्रिंटिंग का काम देखने वाली आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के कर्मचारी अभिषेक वर्मा को तीन दिन की रिमांड पर लिया गया था। एसटीएफ की टीम उसे लेकर लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस गई, जहां पेपर छपा। वहां पेपर लीक की कड़ियों को जोड़ा गया।
इस बारे में एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि टीम ने पेपर प्रिंटिंग-पैकिंग के दौरान के सीसीटीवी फुटेज मांगे, जो नहीं मिले। उधर, मौके पर प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। मौके पर एसटीएफ ने आरोपी की निशानदेही पर लैपटॉप, चार बैंक पासबुक और कार खरीद के दस्तावेज बरामद किए।
आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा पर रोक नहीं : बडोनी
इधर, आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि आयोग की किसी भी भर्ती पर रोक नहीं लगाई गई है। उन्होंने बताया कि आयोग ने अभी मात्र पुलिस दूरसंचार की परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया था, जो 31 जुलाई को तय कार्यक्रम के तहत हो चुकी है। शेष किसी परीक्षा की तिथियां जारी नहीं की गई थीं, सिर्फ संभावित कैलेंडर में जगह दी गई थी।
नई परिस्थितियों में भर्ती परीक्षाएं कुछ आगे-पीछे हो सकती हैं। मुख्य रूप से स्थायी परीक्षा नियंत्रक नहीं होने के कारण परीक्षाओं में दिक्कत आ रही है। परीक्षा नियंत्रक के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है।
जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ जुटा रहे साक्ष्य
उत्तराखंड में पिछले साल दिसंबर में हुई भर्ती परीक्षा में कई जनप्रतिनिधियों के करीबियों ने मेरिट में जगह बनाई। दो जिला पंचायत सदस्यों का नाम इस घपले से जोड़ा जा रहा है। अब कुछ ग्राम प्रधानों के करीबी भी एसटीएफ के राडार पर आ गए हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, ये ऐसे लोग हैं, जिनका पूर्व की भर्ती परीक्षाओं में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। पर, दिसंबर की भर्ती में अच्छी मेरिट हासिल की। इनके तार पेपर लीक से जुड़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में कुछ सुराग मिले हैं।
आयोग के काम की हो तटस्थ जांच: करगेती
हाईकोर्ट के अधिवक्ता चंद्रशेखर करगेती ने वर्ष 2016 में एस.राजू को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, तत्कालीन सरकार को अध्यक्ष पद पर चयन को आवेदन आमंत्रित करने चाहिए थे। इसकी बजाय मुख्य सचिव की सिफारिश पर चयन किया गया। करगेती ने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली शुरुआत से ही संदिग्ध रही है। इसके चलते इस मामले में तटस्थ जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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