उत्तराखंड

गोपेश्वर में लकड़ी के अस्थायी पुल के टूटने से दो महिलाएं गधेरे में बही, 8 साल बाद भी झूला पुल नही बन पाया

Admin Delhi 1
15 Jun 2022 9:30 AM GMT
गोपेश्वर में लकड़ी के अस्थायी पुल के टूटने से दो महिलाएं गधेरे में बही, 8 साल बाद भी झूला पुल नही बन पाया
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देवभूमि चमोली: पहाड़ की जिंदगी आसान नहीं है। यहां जान हर वक्त दांव पर लगी रहती है, कब-कहां हादसा हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। अब चमोली के गोपेश्वर में ही देख लें। यहां घास लेकर घर लौट रही दो महिलाएं लकड़ी के अस्थाई पुल के टूटने से गदेरे में गिर कर बह गईं। इस दौरान एक महिला की जान पत्थर पर अटक जाने की वजह से बच गई, लेकिन दूसरी महिला तेज बहाव में बहकर लापता हो गई। उसका अब तक पता नहीं चल सका है। दशोली विकासखंड में रहने वाली 27 साल की राजेश्वरी और 55 वर्षीय माधो देवी गांव के पास जंगल में घास लेने गई थीं। घास काटने के बाद दोनों नैनागाड़ गदेरे पर बने अस्थाई पुल से आ रही थीं, तभी पुल टूट गया और दोनों महिलाएं नैनागाड़ गदेरे में गिर गईं।

बताया जा रहा है कि माधो देवी कुछ दूरी पर पत्थर की आड़ में बेहोशी की हालत में अटक गई। बाद में गांव वाले दोनों को खोजते हुए मौके पर पहुंचे तो माधो देवी बेहोश पड़ी मिली। उन्हें रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया। समय पर इलाज मिलने से महिला की जान बच गई, हालांकि राजेश्वरी देवी का अब तक कुछ पता नहीं चला है। पुलिस और एसडीआरएफ मौके पर पहुंचकर लापता युवती की खोजबीन में जुटी हैं। गांव वालों ने बताया कि लकड़ी के बने पुल से कलगोट, लांजी, पोखनी, किमाणा और जखोला सहित अन्य गांवों के लोग आवाजाही करते हैं। साल 2013 में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा ने यहां झूला पुल बनाने की घोषणा की थी, लेकिन 8 साल बाद भी इस घोषणा पर अमल नहीं हो पाया है।

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