उत्तराखंड

पौड़ी के दो गांवों ने तैयार किया सामुदायिक खेती का मॉडल

Admin Delhi 1
24 April 2023 3:00 PM GMT
पौड़ी के दो गांवों ने तैयार किया सामुदायिक खेती का मॉडल
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ऋषिकेश न्यूज़: पलायन से बुरी तरह प्रभावित पौड़ी जिले में डबरालस्यूं पट्टी के दो गांवों में पीढ़ियों से बंजर खेत फिर आबाद हो गए हैं. इन गांवों में करीब तीस एकड़ जमीन पर ब्रोकली और गोभी की नकदी फसल तैयार हो गई है. अब ग्रामीणों के सामने इस मेहनत को बाजार मिलने की चुनौती आ गई है.

द्वारीखाल ब्लॉक के तिमली और डाबर गांव इस बदलाव के सूत्रधार बने हैं. ग्रामीणों ने श्री तिमली फार्मर प्रोड्यूशर ऑर्गनाइजेशन गठित कर, सामुहिक खेती की दिशा मे कदम उठाया. कई साल से चल रहे मंथन और बीते सात महीने की कड़ी मेहनत के बाद गांव के बंजर खेतों में अब ब्रोकली, बंद और फूलगोभी की फसल तैयार हो गई है. श्री तिमली फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के मुख्य कर्ताधर्ता आशीष डबराल के मुताबिक ग्रामीण अगले दो महीने में करीब 500 टन सब्जी तैयार होने की उम्मीद कर रहे हैं. अब असल चुनौती इस फसल को मार्केट उपलब्ध कराने की है. बड़ी मंडियों तक पहुंचाने में लागत ज्यादा आ रही है. फिलहाल स्थानीय स्तर पर ही खपत की जा रही है.

ग्रामीण बारी-बारी से करते हैं खेतों की रखवाली

आशीष डबराल के मुताबिक सामूहिक खेती के मॉडल में उनके साथ कुछ लोग दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं, कुछ अपने खेतों में खुद मेहनत कर इस कार्य में भागीदार हैं. जबकि गोलखाते वाली जमीन का मुनाफा समूह के खाते में जमा किया जाएगा. खेतों को आबाद करने के लिए सात सिंचाई टैंक बनाए गए हैं, जबकि ड्रिप तकनीकी से सिंचाई के लिए करीब एक लाख मीटर पाइप लाइन बिछाई गई है. इस कार्य में उन्हें कम्बाइन एग्रिटेक का सहयोग भी मिला है. ग्रामीण बारी- बारी से दिन और रात को फसल की जंगली जानवरों से रखवाली भी करते हैं. डबराल के अनुसार फिलहाल सरकार से कोई सहयोग नहीं लिया गया है.

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