हल्द्वानी न्यूज़: दो अलग-अलग मामलों में एक सिपाही और एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। पहले मामले में सिपाही का शव आईआरबी की इमारत में रस्सी के सहारे लटकते पाया गया। जबकि घर में अकेले छात्र ने जहर खाकर जान दे दी। पुलिस घटना के पीछे का कारण जानने का प्रयास कर रही है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
नानकमत्ता ऊधमसिंहनगर निवासी कैदी सिंह राणा (52) पुत्र भगवान सिंह राणा बैलपड़ाव स्थित आईआरबी में सिपाही के पद पर तैनात थे। बताया जाात है कि मंगलवार सुबह जब कैदी के साथी सो कर उठे तो उनके होश फाख्ता हो गए। कैदी का शव आईआरबी की सी कंपनी की इमारत की छत के सहारे रस्सी से लटक रहा था। आनन-फानन में आईआरबी के अधिकारियों ने इसकी सूचना बैलपड़ाव चौकी पुलिस को दी। कुछ ही देर में बैलपड़ाव चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंच गए। पंचनामा भर कर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इसकी सूचना परिजनों को दी। पुलिस की पूछताछ में कैदी के साथी कुछ खास जानकारी नहीं दे सके। चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रथम दृश्टया आत्महत्या का मामला लग रहा है। इस बारे में परिजनों व साथियों से पूछताछ की जा रही है।
वहीं दूसरे मामले में लोश्ज्ञानी नथुवाखान नैनीताल निवासी दया सागर पेशे से राजमिस्त्री हैं। घर में पत्नी ममता व दो बेटे हेम चंद्र और नीरज कुमार (18) हैं। नीरज एमबी पीजी कॉलेज में प्रथम वर्ष का छात्र है और यहां हाईडिल गेट पर किराए के मकान में अपने भाई हेम के साथ रहता था। दया सागर की मानें तो कुछ दिनों से नीरज की तबीयत खराब चल रही थी। जिस पर बीती दो दिसंबर को दोनों भाई नथुवाखान चले गए थे। बीते सोमवार को सभी अपने काम पर थे और नीरज घर में अकेला था। शाम करीब चार बजे परिवार के लोग जब घर पहुंचे तो नीरज सो रहा था। कुछ देर बाद अचानक नीरज की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे आनन-फानन में उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। पिता दया सागर के मुताबिक नीरज ने जहर का सेवन किया है, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं है।
पानी के टैंक में गिरकर वृद्ध की मौत: घर से टहलने निकले एक वृद्ध की पानी की टंकी में गिरने से मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक रौले की पुलिया फार्म तीन रौला कालोनी निवासी भगवान दान मौर्य (65) पुत्र छोटे लाल मौर्य यहां अपने परिवार के साथ रहते थे। बताया जाता है कि भगवान दास मंगलवार सुबह टहलने निकले थे। कुछ देर बाद लोगों ने घर में खबर दी की भगवान दास पानी की टंकी में गिर कर गए। आनन-फानन में उन्हें टंकी से निकाला कर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।