उत्तराखंड
दो लोग देख सकेंगे 81 वर्षीय आमा की आंखों से दुनिया, पोते की आंखों की रोशनी जाने पर लिया था संकल्प
Renuka Sahu
27 Aug 2022 4:07 AM GMT
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फाइल फोटो
कुमाऊं के एकमात्र आई बैंक को पहला कॉर्निया 81 साल की आमा से मिला है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुमाऊं के एकमात्र आई बैंक को पहला कॉर्निया 81 साल की आमा से मिला है। आई बैंक की टीम ने आमा का कॉर्निया निकाल कर अपने पास रख लिया है। 14 दिन के भीतर कॉर्निया दो जरूरतमंद की आंखों में लगा दिया जाएगा।
बेटे ने अपनी मां की कॉर्निया दान करने की इच्छा जताई
सुशीला तिवारी अस्पताल में स्थापित किए गए कुमाऊं के पहले आई बैंक को जरूरत का समान, स्टाफ आदि मिल चुका था। बस जरूरत थी कॉर्निया की ताकि, आई बैंक शुरू हो जाए। काफी प्रयास के बाद भी स्टाफ को कॉर्निया नहीं मिल रहा था। इसी बीच शुक्रवार को नेत्र विभाग द्वारा कॉर्निया दान के लिए जारी नंबर पर एक कॉल आई। कॉल करने वालों ने अपना नाम श्याम सिंह धानक निवासी दमुवाढूंगा बताया और अपनी मां की कॉर्निया दान करने की इच्छा जताई।
सफलतापूर्वक 81 साल की मृत महिला का कॉर्निया निकाला गया
बैंक की टीम नेत्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नितिन मेहरोत्रा के नेतृत्व में तुरंत दमुवाढूंगा पहुंचे। मृत तुलसी धानिक (81) की आंखों की जांच की गई। जांच में कॉर्निया एकदम ठीक पाया गया। जिसके बाद आई बैंक की टीम ने करीब एक घंटे में कॉर्निया सफलतापूर्वक निकाला। जिसके बाद कॉर्निया को एमके मीडिया (एक तरह के केमिकल) में रख दिया। टीम में डॉ. अजय, डॉ. शोभित, टेक्नीशियन हरगोविंद सिंह महेरा, काउंसलर गौरव पांडे रहे।
पोते की आंखों की रोशनी जाने पर लिया था संकल्प
बेटे श्याम सिंह धानिक ने बताया कि उनके साथ परिवार में पत्नी खीमा धानिक के अलावा बेटा अजय, अमित और अनिल रहते हैं। बेटे अजय की 14 वर्ष की उम्र में आंखों की रोशनी चली गई थी। जिसके बाद अजय की दादी ने नेत्रदान का संकल्प लिया था। तुलसी देवी का कहना था मृत्यु के बाद कम से कम ये आंखें उनके काम आए जो इस खूबसूरत दुनिया को देखने से वंचित रह गए। उन्होंने परिजनों को भी नेत्रदान के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने भी नेत्रदान का संकल्प लिया है। अजय आंखों की रोशनी नहीं होने पर भी इस समय हैदराबाद की कंपनी में जॉब करता है।
जरूरतमंदों की लंबी है लिस्ट
आई बैंक में करीब 100 से ज्यादा लोग खुद को लिस्ट करा चुके हैं जिनको कॉर्निया की जरूरत है। नेत्र विभाग के डॉक्टर दो-तीन दिन में कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने की तैयारी में हैं।
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