उत्तराखंड
हल्द्वानी में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ, देशभर से 40 से अधिक लेखक और उपन्यासकार शामिल रहे
Gulabi Jagat
2 July 2022 4:57 PM GMT
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दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ
हल्द्वानी: दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का हल्द्वानी में शुभारंभ हो गया है. डीपीएस के ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पद्मश्री डॉ यशोधर मठपाल ने लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ किया. लिटरेचर फेस्टिवल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश भेजकर शुभकामनाएं दीं. इस लिटरेचर फेस्टिवल में देश के कई प्रख्यात लेखक उपन्यासकार प्रतिभाग करने पहुंचे हैं. अगले 2 दिनों तक हल्द्वानी में चलने वाले साहित्य के उत्सव में 40 से अधिक कथाकार, उपन्यासकार एवं लेखक प्रतिभाग करेंगे.
पहले दिन एथिकल हैकर अंशुल सक्सेना ने लोगों को साइबर वार और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी. इसके बाद यशोधर मठपाल ने पुरातत्व के बारे में भारतीय इतिहास को समझाया. लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन पहले सत्र 'सोशल मीडिया का बदलता स्वरूप' अंशुल सक्सेना और वैभव पांडे ने वर्तमान समय के हालातों में सोशल मीडिया और उनकी चुनौतियों पर चर्चा की. जिसके पश्चात 'कुछ चर्चा किताबों की' में वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी ललित मोहन रयाल, लेखक डॉ चंद्रशेखर जोशी और पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह ने कहानी उपन्यास और गद्य पर विस्तार से चर्चा की.
दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ.
जिसके पश्चात 'भारतीय इतिहास और विवाद' सत्र में लेखक सबरीश पीए और लेखक शांतनु गुप्ता के साथ पंचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने चर्चा की. जिसमें भारतीय इतिहास और उसके साथ जुड़े विवादों को लेकर खुलकर बातचीत हुई. लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन उपन्यास और महिलाओं का दर्द सत्र में लेखक मंजू पांडे उदिता, लेखक कंचन पंत और मंजरी बलुटिया, समाज में महिलाओं के दर्द को साहित्य और उपन्यास में लिखकर उनके प्रति सोच बदलने पर चर्चा की. कुमाऊं का साहित्य और लेखक विषय पर प्रसिद्ध कथाकार और लेखक लक्ष्मण सिंह विद्रोही लेखक मनोज पांडे और पहाड़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हेम पन्त ने कुमाऊंनी इतिहास, साहित्य और उस पर लिखे गए लेखन पर विस्तार से चर्चा की .
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